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प्रत्याख्यान की ओर वैज्ञानिको की प्रवृत्ति इधर कम हो गई है। 'अपने काम से काम'वाली नीति पर वे चल रहे हैं। पर हैकल के संप्रदाय के अनुयायियो और आत्मवादियो के बीच छेड़छाड़ होती रहती है। हैकल की पुस्तक के जिसे अंगरेजी भाषान्तर का यह हिन्दी अनुवाद है वह जोजफ मेककैब (Joseph Mc Cabe) का किया हुआ है। इन्होने हैकल का एक जीवनचरित और हैकल पर किए हुए आक्षेपों के उत्तर मे एक पुस्तक (Haeckel's Critics Answered) भी लिखी है। अभी हाल मे एक सभा के बीच इनसे और इंगलैड़ के प्रसिद्ध कहानी लेखक ए० कनन डायल (A Conan Doyle) से परलोक आदि विषय पर शास्त्रार्थ हुआ है जो पुस्तकाकार छपा है। ए. केनन डायल पूरे अध्यात्मवादी है।

अब तक जो कुछ लिखा गया उससे शिक्षित जगत् के ज्ञान की वर्तमान स्थिति का कुछ आभास मिला होगा और यह स्पष्ट हो गया होगा कि नाना मतो और मजहवों की विशेष विशेष स्थूल बातो को लेकर झगड़ा टंटा करने का समय अब नहीं है। सब मतो और संप्रदायों मे धर्म और ईश्वर की जो सामान्य भावना है उसी का पक्ष अब शिक्षित पक्ष के अंतर्गत आ सकता है। ईश्वर साकार है कि निराकार, लंबी-दाढ़ी वाला है कि चारहाथवाला, अरबी बोलता है कि संस्कृत, मूर्ति पूजनेवालों से दोस्ती रखता है कि आसमान की ओर हाथ उठानेवालों से, इन बातों पर विवाद करनेवाले अब केवल उपहास के पात्र होगे। इसी प्रकार सृष्टि के जिन रहस्यों को विज्ञान खोल चुका है उनके संबंध में जो प्राचीन पौराणिक