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पृष्ठ:वेद और उनका साहित्य.djvu/१७६

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[वेद और उनका साहित्य श्रोतकाव्यों की संख्या चौदह है, जो सात-सात कवियों में दो स्थानों पर बेटे रहते थे, प्रत्येक विभाग के माथ एक-एक प्रकार के पशु की बली का संबंध है। प्रकाशित श्रौतसूत्र (१) फ. शाश्वलायन श्रौतसूत्र विविलोथिका इंडिका कलकत्ता । Harvard Oriental Series Vol. -5 (२) क. शाडायन श्रौतसूत्र संपादक A. Hillebrandt Bibilothica Indian 1888, ख. शाढायन श्रौतसूत्र संपादक Keith Journal of the Royal Asiatic Society 1907 pp 410 ff Harvand Oriental Series Vol. ख. ग 25. PP. 50 f. (३) मशक कल्पसूत्र, संपादक W. Caland Abhandlun. geu fur die Kunde des morgeulandes, herauss, vonder Deutscher morgenlandischen Geeollsc. haft XI, 3 Leipzig 1908. (४) लाट्यायन श्रौतसूत्र संपादक Bibilothica Iodica कलकत्ता। (५) द्राशायण श्रौतसूत्र संपादक J. N. Reuter part I. London 1904 (6) जैमिनीय श्रौतसूत्र (अग्निशेम अध्याय) Loyden 1906 (७) कारयायन श्रौतसूत्र संपादक A Wober. (५) बौधायन श्रौतस्य संपादक W.Caland Bibilothica Indica 1904-1926