पृष्ठ:वेनिस का बाँका.djvu/१५२

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द्वाविंशति परिच्छेद
 

बीड़ा उठाने से सब लोगों को फ्लोडोआर्डो के साथ एक प्रकार की सहानुभूति हो गयी थी, अतएव घण्टों का शब्द श्रवणगत होने पर प्रत्येक के मुखड़े से चिन्ता के चिन्ह प्रगट होने लगे। सबसे अधिकतर रोजाबिला उद्विग्न थी। उसके हृदय पर घण्टे के ठनाठन शब्दने वह प्रभाव उत्पादन किया जो तीब्रबाण करता है। यदि कामिलाने उसको सँभाल न लिया होता तो वह पृथ्वी पर गिर पड़ती। यद्यपि अंड्रियास को भी फ्लोडो- आर्डो से सच्ची प्रीति थी, और इस कारण से जब उनको इस विषय का ध्यान बँधता था, कि अबिलाइनों ने कहीं उसकी उठती जवानी को धूल में न मिलाई हो तो वह मन ही मन मसोसकर रह जाते थे। परन्तु रोज़ाबिला का स्नेह प्रणय में परिणत हो चुका था अतएव प्रेम पात्र से सदैव के लिये बिच्छेद हो जाने का अनुमान, उस पर शोक समूह की बृष्टि करता था। उसने चाहा कि पितृव्य से कुछ समालाप करे, परन्तु खेद और दुःख की अधिकता से कलेजा मुँह को आता था, जिह्वा जड़ हुई जाती थी, और नेत्रों से अश्रु निर्भर समान झर रहे थे। बहुत चाहती थी कि सम्बरण करे पर यह कहाँ सम्भव था। सत्य है कि जब हृदय पर आघात होता है तो आँसू अपने आप निकलते हैं। अन्ततः विवश होकर वह एक पर्यक पर बस्त्र से मुखाच्छादन कर लेट रही। उसके लेटते ही जितने लोग शेष थे उनमें से कुछ तो कई झुण्डों में बँट कर पृथक जा बैठे और परस्पर बात चीत करने लगे, और कुछ लोग उस आयतन में अत्यन्त असंतोष के साथ टहलने लगे। इसी भाँति एक घंटा व्यतीत हो गया और फ्लोडोआर्डो न आया। अब सन्ध्याकाल सन्निकट हो गया और सूर्य्य भी डूबने लगा॥

काण्टेराइनो―'क्यों महाशय फ्लोडोनार्डो ने अविलाइनो को पांचही बजे लाकर उपस्थित करने की प्रतिज्ञा न की थी?