पृष्ठ:वेनिस का बाँका.djvu/७१

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वेनिस का बांका
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कि हम क्योंकर धन अर्जन करके कालक्षेप करेंगे अतएव सम्भव है कि किसी परदेश में तुम कोई ग्राम क्रय कर लो, अथवा विविधाहार बिक्रयी बनो, अथवा कश्चित् व्यवसाय करो, अथवा संक्षेप यह कि कोई दूसरी आजीविका जिसे तुम उत्तम समझो करो, परन्तु इस अधम कर्म्म प्रतारकता से बिरक्ति ग्रहण करो। उस समय तुमको अधिकार होगा कि तुम्हारे पद के जो लोग हों उनकी दुहिताओं में से किसी एक को स्वरूपवती देख कर उसके साथ परिणय कर लो, बेटा बेटी वाले कहलाओ, सुख से खान पान करो और प्रसन्न रहो, और इन कार्य्यों द्वारा अपने पूर्वकृत कर्मों का प्रायश्चित्त करो।

टामिसो―"अहा! हा!! हा!!!"

अबिलाइनो―"जो कुछ तुम करोगे वही मैं भी करूँगा, यदि तुम फाँसी पावोगे अथवा कोल्हू में पीड़ित किये जावोगे, तो तुमारे साथ मेरी भी वही गति होगी अथवा यदि तुम सुजन वा सज्जन बन जानोगे तो मैं भी वहीं हो जाऊँगा। अब कहो तुम्हारी क्या सम्मति है।"

टामिसो―"तुमसा अल्पज्ञ सम्मतिदाता संसार में न होगा।"

पेट्राइनो―"हमारी अनुमति तो यह है कि कौन ऐसा अ- साध्य विषय अथवा कठिन बात है जिस पर विशेष त्रिवार करने की आवश्यकता होगी।

अबिलाइनो―"मेरे निकट तो निस्संदेह बड़ी बात है।"

टामिसो―"बस अधिक बात चीत से क्या लाभ मेरी अनु- मति यह है कि जैसे हमलोग हैं वैसे बने रहे और जो वृत्ति आज तक करते आये हैं वही करें, इससे हम सहस्रों मुद्रो कमायेंगे और हमारा जीवनभी परमानन्दपूर्वक व्यतीतहोगा।"

पेट्राइनो―अच्छा कहा, यही मेरी भी सम्मति है।