सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:वैशाली की नगरवधू.djvu/१२७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।

दिए गए। वे हरी-हरी घास चरने लगे। सोम ने तरुण असुर से कहा—"यहां आखेट है?"

वह कुछ मुस्कराता हुआ सिर हिलाता कहीं चला गया और थोड़ी देर में बहुत-सी जड़ें और कुछ जंगली फल उठा लाया। सबने वही खाया। फिर बारी-बारी से एक-एक सैनिक को पहरे पर तैनात कर दोनों सो गए। थकान के कारण उन्हें तुरन्त ही गहरी नींद आ गई।