पृष्ठ:शिवसिंह सरोज.djvu/४२२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४०५
कवियों के जीवनचरित्र


१७ गोपाल कवि प्राचीन सं० १७१५ में उ०। केहरीकल्याण मित्रजीतसिंह के यहाँ थे ॥ ६१ सफ़ा॥ १८ गोपाल कवि (१) कायस्थ रिवॉं वाली सं० १६०१ में उ०! महाराजा विश्वनाथसिंह वांधवनरेश के यहाँ कामदार थे। गोपालपचीसी ग्रंथ बहुत सुंदर बनाया है ॥ ६६ सफ़ा ॥ १६ गोपाल बंदीजन (२)चरखारी बुंदेलखंड सं० १८८४ में उ०। यह कवि महाराजा रतनसिंह बुंदेला चरखारी-भूप के यहाँ थे ।। ६६ सफ़ा ॥ २० गोपाललाल कवि (३) सं० १८५२ में उ० । शांतरस में इनके कवित अच्छे हैं ॥ ६७ सफ़ा ॥

२१ गोपालराय कवि ।

नरेन्द्रलाल शाह और आदिलखॉं की प्रशंसा में कवित्त कहे हैं । ७७ सफ़ा | २२ गोपालशरण राजा सं० १७४८ में उ० । महाललित पद और प्रबंधघटना नाम सतसई का टीका बनाया है ॥ ७१ सफ़ा ॥ २३ गोपालदास ब्रजवासी सं० १७३६ में उ० । इन पद राग रोद्भव में हैं । ८० सफ़ा ॥ २४ गोपा कवि सं० १५६० में उ० । रामभूपण अलंकारचन्द्रिका, ये दो ग्रंथ बनाये हैं ॥ ६७ संफा । २५ गोकुलनाथ बंदीजन बनारसी कवि रघुनाथ के पुत्र सं० १८३४ में उ०। इनका चेतचन्द्रिका ग्रन्थ कवि लोगो में प्रामाणिक समझा जाता है । और गोविंदसुखदविहार नाम दूसरा ग्रंथ बहुत सुंदर बना है ।यह कवि महाराजा चेतासिंह काशीनरेश के प्राचीन कवीशवर हैं । चेतचन्द्रिका में राजा की वंशावली का विस्तारपूर्वक वर्णन है।