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पृष्ठ:शिवा-बावनी.djvu/३२

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शिवा बावनी

शिवा बावनी देवी देवताओं की मूर्तियां उखाड़ कर फेंक दी । सुन्दर नगर और बस्तियाँ नष्ट कर दीं। लाखों हिन्दुओं को, उनका साम्प्र- दायिक मत छुड़ा कर, मुसल्मान बना लिया । और को तो गिनती ही क्या स्वयं काशोश्वर विश्वनाथ जी शक्तिहीन होकर भाग गये । यदि उस समय शिवा जी न होते, तो सब हिन्दुओं को मुसल्मान बन कर और वर्णाश्रम धर्म छोड़ कर कलमा और नमाज़ पढ़नी पड़ती। टिप्पणी कलमा-मुसलमानी मत का मुख्य मंत्र। मंत्र यह है-"ला इलाह इल्लल्लाह मुहम्मदिन रसूलिला-अर्थात ईश्वर अद्वितीय है और मुहम्मद उसका प्रतिनिधि है। नमाज़-मुसल्मानी मतानुसार परमेश्वर की पार्थना, जिसे मुसल्मान लोग दिन रात में पांच वार पढ़ते हैं। ____ संवत १७२६ में औरंगज़ेब ने मथुरा में केशवराय का देहरा नथा काशी में विश्वनाथ एवं बिन्दुमाधव के मन्दिर तोड़े थे, और उनके स्थान पर मसजिदें वनवाई थीं। कुंभकन-कंभकर्ण; रावण का महा प्रतापी छोटा भाई । तबकी (अरवी शब्द तवक्ता-पत ) तबकाबन्दी साम्प्रदायिक धर्म । भव-भव, महादेव, अनुपास के लिए 'क' को 'क' कर दिया है। दावा पातसाहन सों कीन्हो सिवराज बीर, जेर कीन्हो देस हद्य बांध्यो दरबार से। हठो मरहठी ता में राख्यो न मवास कोऊ, बीने हथियार डोलैं बन बन जारे से।