पृष्ठ:शृङ्गारनिर्णय.pdf/१६

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शृङ्गारनिय । 1 ठोढ़ी वर्णन। छाक्यो महा मकरन्द मलिन्द बस्यो किधौं संनुल कंज-किनारे। चंद में राह को दंत - ग्यो के गिरी मसि भाग सोहाग लिखारे । दास रसौली को ठोढ़ी छबीली की लोलो को बिन्दु पै जाइये बारे । मित्र को दौठि गड़ी किधौं चित्त को चोर गियो छविताल मडारे । अधर वर्णन - कवित्त । एरी पिकनी दाम पटलर है जर जब तेरे मुंदर अधर मधुराई को । दाख दुरिजाय मिसिरोऔ मुरिजाय कैसे कंद कुरि जाय सुधा सटको सवारे को ललित ललाई के समान अनुमाने रंग बिम्बाफल बंधुजीव विद्रुम बि- चारे को। तातें दुन नामानि को पहिलोई ब कहैं मुख मदि म दि जात बरननबारे को ॥ दसन वर्णन । बिधु सो निकासि नौकी विधि सो तरासि कला सैकरि सवास्यो बिधि बत्तमो बनाय है। हासही में दास उजराई को प्रशास होत अ-