पृष्ठ:श्रीभक्तमाल.pdf/२११

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

, श्रीभक्तमाल सटीक । Meet . .. AMBNA - Preral + ON . . .. . आयु ___ श्रापही के वंश में भगवान श्रीकृष्णचन्द्र प्रगट हुये थे। (1) श्रीपुरुषोत्तमभगवान, उनके || (२) श्रीब्रह्माजी, उनके (३)श्रीअत्रिजी, जिनके ययाति (४) श्रीचन्द्रजी, जिनके (५) श्रीबुधजी, जिनके पुरूरवा (६) श्रीपुरूवाजी, जिनके (५) आयु, जिनके (८) श्रीनहुषजी, जिनके (६) श्रीययातिजी, उनके (१०) पुत्र श्रीयदुजी" और श्री पुरु" जी थे॥ पुरुषोत्तम बुध अत्रि ब्रह्मा 0000 2000 (६६) श्रीमान्धाताजी। श्रीमान्धाताजी श्रीअयोध्याजी के राजा बड़े प्रतापी और धर्मात्मा थे । श्री “सौभरि” ऋषि ने आपसे मांगा कि "मुझे अपनी एक कन्या दीजिये," राजा ने उत्तर दिया कि “बहुत अच्छा, मेरी पचासो कन्याओं में से जो आपको बरे, श्राप उसको ले जाइये ॥"