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७७४ श्रीभक्तमाल सटीक। गोस्वामी श्री १०८ तुलसीदासजी के चरित्र अपार हैं । इस दीन ने केवल उतना ही मात्र लिखा है कि जितना श्रीमियादासजी के कवित्तों में वर्णित है। श्रीभक्तमाल-सुमेरे गोस्वामी श्रीतुलसीदासजी के UTTARRABATTLE- श्रीसीतारामार्पणमस्तु