पृष्ठ:श्रीमद्‌भगवद्‌गीता.pdf/१६६

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श्रीमद्भगवद्गीता न केवलं दुःखयोनयः आद्यन्तवन्तः च आदिः ये विषय-भोग केवल दुःखके कारण हैं, विषयेन्द्रियसंयोगो भोगानाम् अन्तः च इतना ही नहीं, किन्तु ये आदि-अन्तवाले भी हैं, विषय और इन्द्रियोंका संयोग होना इनकी आदि तद्वियोग एव। है और वियोग होना ही अन्त है। अत आद्यन्तवन्तः अनित्या मध्यक्षण- इसलिये जो आदि-अन्तवाले हैं वे केवल बीचके भावित्वाद् इत्यर्थः। क्षणमें ही प्रतीतिबाले होनेसे अनित्य हैं। कौन्तेय न तेषु भोगेषु रमते बुधो विवेकी सो हे कौन्तेय ! परमार्थतत्वको जाननेवाला विवेक- अवगतपरमार्थतत्त्वः, अत्यन्तमूढानाम् एव शील बुद्धिमान् पुरुष उन भोगोंमें नहीं रमा करता। हि विषयेषु रतिः दृश्यते, यथा पशुप्रभृती- क्योंकि केवल अत्यन्त मूढ़ पुरुषोंकी ही पशु आदि- की भाँति विषयोंमें प्रीति देखी जाती है ॥२२॥ नाम् ।। २२॥ अयं च श्रेयोमार्गप्रतिपक्षी कष्टतमो दोषः कल्याणके मार्गका प्रतिपक्षी यह ( काम-क्रोध- का वेगरूप ) दोष बड़ा दुःखदायक है, सब अनर्थों- सर्वानर्थप्राप्तिहेतुः दुर्निवार्यः च इति तत्परि- की प्राप्तिका कारण है और निवारण करनेमें अति हारे यत्नाधिक्यं कर्तव्यम् इति आह भगवान्- कठिन भी है । इसलिये भगवान् कहते हैं कि इसको नष्ट करनेके लिये खूब प्रयत्न करना चाहिये । शक्नोतीहैव यः सोढुं प्राक्शरीरविमोक्षणात् । कामक्रोधोद्भवं वेगं स युक्तः स सुखी नरः ॥ २३ ॥ शक्नोति उत्सहते इह एव जीवन् एव यः । जर्जामनुष्य यहाँ-जीवितावस्थामें ही शरीर छूटनेसे | पहले-पहले अर्थात् मरणपर्यन्त ( काम-क्रोबसे उत्पन्न सोढुं प्रसहितुं प्राक् पूर्व शरीरविमोक्षणात् हुए वेगको) सहन कर सकता है अर्थात् सहन करने- आ मरणात् । का उत्साह रखता है ( वही युक्त और सुखी है)। मरणसीमाकरणं जीवतः अवश्यंभावी हि जीवित पुरुषके अन्तःकरणमें काम-क्रोधका वेग अवश्य ही होता है, इसलिये मरणपर्यन्तकी सीमा कामक्रोधोद्भवो वेगः अनन्तनिमित्तवान् हि की गयी है, क्योंकि वह काम-क्रोध-जनित वेग स इति, यावत् मरणं तावत् न विश्रम्भणीय | अनेक निमित्तोंसे प्रकट होनेवाला है, अतः मरने- इत्यर्थः । तक उसका विश्वास न करे। यह अभि- प्राय है। काम इन्द्रियगोचरप्राप्ले इष्टे विषये किसी अनुभव किये हुए सुखदायक इष्ट-विषयके | इन्द्रियगोचर हो जानेपर यानी सुन जानेपर या श्रयमाणे स्मर्यमाणे वा अनुभूते सुखहेतौ या! स्मरण हो जानेपर उसको पानेकी जो लालसा--- गर्षिः तृष्णा स कामः। तृष्णा होती है उसका नाम काम है ।