पृष्ठ:श्रीमद्‌भगवद्‌गीता.pdf/२२७

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शांकरभाष्य अध्याय ८ प्रकृतानां योगिनां प्रणवावेशितब्रमवुद्धीनां जिन्होंने ओंकारमें ब्रह्मबुद्धि सम्पादन की है, जिन्हें कालान्तरमें मुक्ति मिलनेवाली है तथा यहाँ कालान्तरमुक्तिभाजां ब्रह्मप्रतिपत्तये उत्तरो ! जिनका प्रकरण चल रहा है, उन योगियोंकी ब्रह्म- मार्गों वक्तव्य इति यन्त्र काले इत्यादि प्रासिके लिये आगेका मार्ग बताना चाहिये । अतः विवक्षित अर्थको बतलानेके लिये ही 'यत्र काले विवक्षितार्थसमर्पणार्थम् उच्यते । आवृत्तिमार्गो- इत्यादि अगले श्लोक कहे जाते हैं । यहाँ पुनरावर्ती मार्गका वर्णन दूसरे मार्गकी स्तुति करनेके लिये पन्यास इतरमार्गस्तुत्यर्थः- किया गया है- यत्र काले त्वनावृत्तिमावृत्तिं चैव योगिनः । प्रयाता यान्ति तं कालं वक्ष्यामि भरतर्षभ ॥ २३ ॥ यत्र काले प्रयाता इति व्यवहितेन संबन्धः।। 'यत्र काले' इस पदका व्यवधानयुक्त 'प्रयाताः' इस अगले पदसे सम्बन्ध है। यत्र यस्मिन् काले तु अनावृत्तिम् अपुनर्जन्म जिस कालमें अनावृत्तिको-अपुनर्जन्मको और जिस कालमें आवृत्तिको-उससे विपरीत पुनर्जन्मको आवृत्तिं तद्विपरीतां च एव । योगिन इति योगिनः योगी लोग पाते हैं । यहाँ योगिनः' इस पदसे कर्म कर्मिणः च उच्यन्ते । कर्मिणः तु गुणतः 'कर्म- करनेवाले कर्मी लोग भी योगी कहे गये हैं, क्योंकि 'कर्मयोगेन योगिनाम् इस विशेषणसे कर्मी भी किसी योगेन योगिनाम्' इति विशेषणाद् योगिनः । गुणविशेषसे योगी हैं। यत्र काले प्रयाता मृता योगिनः अनावृत्ति तात्पर्य यह है कि हे अर्जुन ! जिस कालमें मरे हुए यान्ति यत्र काले च प्रयाता आवृत्तिं यान्ति मरे हुए लोग पुनर्जन्म पाते हैं मैं अब उस कालका योगी लोग पुनर्जन्मको नहीं पाते और जिस कालमें तं कालं वक्ष्यामि भरतर्षभ ॥२३॥ वर्णन करता हूँ ॥२३॥ अग्निज्योतिरहः शुल्लः षण्मासा उत्तरायणम् । तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म ब्रह्मविदो जनाः॥२४॥ अग्निः कालाभिमानिनी देवता तथा ज्योतिः यहाँ अग्निकालाभिमानी देवताका वाचक है तथा ज्योति भी कालाभिमानी देवताका ही वाचक है, देवता एव कालाभिमानिनी । अथवा अग्नि- अथवा अग्नि और ज्योति नामवाले दोनों प्रसिद्ध ज्योतिषी यथाश्रुते एव देवते । वैदिक देवता ही हैं। भूयसां तु निर्देशो 'यत्र काले' 'तं कालम्' जिस वनमें आमके पेड़ अधिक होते हैं उसको जैसे आमका वन कहते हैं, उसी प्रकार यहाँ इति आम्रवणवत् । कालाभिमानी देवताओंका वर्णन अधिक होनेसे 'यत्र काले' 'तं कालम्' इत्यादि कालवाचक शब्दों- का प्रयोग किया गया है।