पृष्ठ:श्रीमद्‌भगवद्‌गीता.pdf/३२२

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श्रीमद्भगवद्गीता स्थैर्य स्थिरमायो मोक्षमार्गे एव कृताध्य- स्थिरता--स्थिरभाव, मोक्ष-मार्गमें ही निश्चित वसायत्वम् । निष्टा कर लेना। आत्मविनिग्रह आत्मनः अपकारकस्य आत्म- आत्मविनिग्रह-आत्माका अपकार करने वाला शब्दवाच्यस्य कार्यकरणसंघातस्य विनिग्रहः और आत्मा शब्दले कहे जानेवाला, जो कार्य-करणका संघातरूप यह शरीर है, इसका निग्रह अर्थात् इसे खभावेन सर्वतः प्रवृत्तस्य सन्मार्गे एवं स्वाभाविक प्रवृत्ति से हटाकर सन्मार्गमें ही नियुक्त निरोध आत्मविनिग्रहः ॥७॥ कर रखना ॥७॥ - तथा--- एव च। । इन्द्रियार्थेषु वैराग्यमनहंकार एव जन्ममृत्युजराच्याधिदुःखदोषानुदर्शनम् इन्द्रियार्थेषु शब्दादिषु दृष्टादृष्टेषु भोगेषु इन्द्रियोंके शब्दादि विषयोंमें वैराग्य अर्थात् विरागभावो वैराग्यम् । अनहंकारः अहंकाराभाव ऐहिक और पारलौकिक भोगोंमें आसक्तिका अभाव और अनहंकार---अहंकारका अभाव । जन्ममृत्युजराव्याधिदुःखदोषानुदर्शनं जन्म च तथा जन्म, मृत्यु, जरा, रोग और दुःखोंमें मृत्युः च जरा च व्याधयः च दुःखानि च । अर्थात् जन्मसे लेकर दुःखपर्यन्त प्रत्येकमें अलग- तेषु जन्मादिदुःखान्तेषु प्रत्येक दोषानुदर्शनम् । अलग दोषोंका देखना । जन्मनि गर्भवासयोनिद्वारा निःसरणं जन्ममें गर्भवास और योनिद्वारा बाहर निकलना- रूप जो दोष है उसको देखना--उसपर विचार दोषः तस्य अनुदर्शनम् आलोचनम्, तथा मृत्यौ करना । वैसे ही मृत्युमें दोष देखना, एवं बुढ़ापेमें दोषानुदर्शनम्, तथा जरायां प्रज्ञाशक्तितेजो प्रज्ञा-शक्ति और तेजका तिरोभाव और तिरस्काररूप निरोधदोषानुदर्शनं परिभूतता च इति । तथा | दोष देखना, तथा शिर-पीडादि रोगरूप व्याधियों में दोषोंका देखना, अध्यात्म, अधिभूत और अधिदैवके व्याधिषु शिरोरोगादिषु दोषानुदर्शनम्, तथा निमित्तसे होनेवाले तीनों प्रकारके दुःखोंमें दोष दुःखेषु अध्यात्माधिभूताधिदैवनिमित्तेपु । अथवा दुःखानि एव दोषो दुःखदोषः अथवा ( यह भी अर्थ किया जा सकता है कि) तस्य जन्मादिषु पूर्ववद् अनुदर्शनम् । दुःखं दुःख ही दोष है, इस दुःखरूप दोषको पहले कहे हुए प्रकारसे जन्मादिमें देखना अर्थात् जन्म जन्म दुःखं मृत्युः दुःखं जरा दुःखं व्याधयः । दुःखमय है, मरना दुःख है, बुढ़ापा दुःख है और दुःखनिमित्तत्वाद् जन्मादयो दुःखं न पुनः ध्यान रहे कि ) ये जन्मादि दुःखके कारण होनेसे | सब रोग दुःख हैं-इस प्रकार देखना, परन्तु ( यह खरूपेण एव दुःखम् इति । । ही दुःख हैं, स्वरूपसे. दुःख नहीं हैं.। देखना।