यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
हिसाब लगाने में मैं कच्ची हूँ, पर अच्छे अच्छे किस्से कहना मुझे खूब आता है।"
यह इस अमेरिकन तरुणी के इश्तहार का कुछ अंश है।
इसने अपने इश्तहार में यह भी लिख दिया है कि, कौन सर्व-
श्रेष्ठ बोली बोलनेवाला है, इसका फैसला करना सर्वथा मेरे
ही हाथ में है। मैं जिसे चाहूँगी, उसी की लगाई हुई कीमत
कबूल करके उसके हाथ अपने को बेंच दूँगी। सुनते हैं, बहुत
लोगों ने इस कुमारी के साथ शादी करने की इच्छा जाहिर की
है। ये सब सभ्यता के चोचले हैं। देखते जाइए, यूरप और
अमेरिका के सभ्य समाज में क्या क्या गुल खिलते हैं!
[जून १९०७.
-------
६२