पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१०३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
( ९३ )

अभ्यास (१) नीचे लिखे वाक्यों में कारण बता कर संज्ञाओका लिंग बताओ । | पेड़ में जड़, पौंड, डालियों, पचे, फूल और फल होते हैं । खेत की मेड़ पर घास उगी । मंदिर की सजावट में संस्था संपूर्ण आय व्यय हो जाती है। गंगा के प्रवाह से कई गॉवों का नाश हो गया | अर्जुन का धनुष “गॉडीव” कहलाता है । दिल्ली में मुगलो के समय का एक किला बना हुआ है। सरस्वती प्रयाग से प्रकाशित होती है। धन की सहायता से मनुष्य कई कठिन कार्य कर सकता है। मुकदमे की पेशी दस तारीख को है। (२) नीचे लिखी संज्ञाओं का प्रयोग एक-एक वाक्य में इस प्रकार | करो कि विशेषण अथवा क्रिया के द्वारा उसका लिग जाना जा सके--- खास, बचत, ज्ञान, बॉस, गिरी, लू, रगड़ । , ( ३ ) नीचे लिखी संज्ञाओं के विरुद्ध लिंग वाले शब्द लिखो और यदि उसके अर्थ में कोई विशेषता हो तो उसे स्पष्ट करो। ब्राह्मण, ब्राह्मणी, शेर, बाघिन, सती, युवती, राजा, चील, क्रीड़ा, || क्षत्रियाणी, बहिन, भावज, नट, चेला, बारिस्टर, काली, कवि कारीगर | कौआ, कोयल। तीसरा पाठ संज्ञा का वचन लड़का आया है । । लड़के आए हैं । लड़की आई है । लड़कियाँ आई हैं । पुस्तक खो गई । पुस्तके खो गई । , नौकर को बुलाओ ! नौकरों को बुलाओ । . .१७५--संज्ञाओ के रूपांतर से संख्या का ज्ञान होता है। ऊपर लिखे वाक्यों में बाईं ओर जो रेखांकित संज्ञाएँ हैं उनसे एक-एक वस्तु