पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१०४

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का बोध होता है और दाहिनी ओर लिखी रेखॉकित संज्ञाओं से एक से अधिक वस्तुएँ सूचित होती हैं । एक वस्तु सूचित करनेवाली संज्ञा एकवचन और एक से अधिक वस्तुओं का बोध करानेवाली संज्ञा बहुवचन कहाती है । | संज्ञा के जिस रूप से संख्या का ज्ञान होता है उसे बहुवचन कहते । हैं । बहुधा एकवचन संज्ञा ही को, रूप बदलकर, बहुवचन बना लेते, हैं; जैसे, लड़का-लड़के , माता-माताएँ लड़की-लड़कियाँ ( अ ) आदर के लिये भी बहुवचन का प्रयोग किया जाता है; जैसे । राजा के बड़े बेटे आए हैं। तुम अभी लड़के हो । राम प्रजा की प्यारे थे । | १७६--बहु जातिवाचक संज्ञा ही बहुवचन में आती है। पत्र व्यक्तिवाचक, भाववाचक और द्रव्यवाचक संज्ञाएँ भिज भिन्न प्रकारके व्यक्ति, गुण अथवा द्रव्य सूचित करती हैं तब उनका प्रयोग बहुवचन में होता है; जैसे, व्यक्तिवाचक-तीन राम प्रसिद्ध हैं । हिमालय में कई प्रयाग हैं ।। भाववाचक-मनुष्य की कई दशाएँ होती हैं । ईश्वर की लीलाएँ जानी नहीं जातीं । द्रव्यवाचक-बाजार में कई तेल मिलते हैं । ये दोनों साने चोखे हैं । १७७---कई एक संज्ञाए बहुत्व की भावना के कारण बहुधा । बहुवचन में आती हैं; जैसे, समाचार ---वहाँ के समाचार नहीं मिले। प्राण---उसके प्राण गए। दाम----इस घड़ी के क्या दाम हैं।