पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/११३

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बनाता था । राम ने अपसे मित्र श्याम को बुलाया । सबसे छोटे लड़के

पुरस्कार दिया जायगा । रोगी मृत्यु से बच गया। नौकर काम पर नहीं जाता | भाइयो, नशा करना बुरा होता है । उनको बाहर जाने में डर लगता था । दिल्ली बहुत काल तक हिंदुओं की राजधानी रही । लड़के, तू अपने पिता की आज्ञा क्यो नहीं मानता है। मनुष्य के जीवन के लिये अन्न; पानी और हवा बहुत आवश्यक है । *समरथ को नहिं दोष । गुसाई । पाँचवाँ पाठ | संज्ञाओं की कारक-रचना लड़का-लड़के ने राजा-राला ने लोटा--लोटे को पिता-पिता को पत्ता--पत्त से काका-काका से १८६----हिंदी अकारांत पुल्लिगे संज्ञाओं के एकवचन में विभक्ति के पहले ‘अ’ के स्थान में ‘ए’ हो जाता है, पर संबंधवाचक और संस्कृत अकारांत संज्ञाओ में कोई विकार नहीं होता | बाई ओर की संज्ञाए विकारी और दाहिनी ओर की अविकारी हैं। विकारी संज्ञाओं का बदल - हुआ, रूप विकृत रूप कहलाता है। विभक्ति सहित बहुवचन बनाने के नियम घर–घरो को डिबिया-डिबियो में बात-बातो में मुखिया–मुखियो का लड़का-लड़को से बाप-दादा-बाप दादो ने (१) अकारांत, विकारी आकारांत और याकारांत संज्ञाओं के अंत्य 'आ' के बदले 'ओ' लाया जाता है।