पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१२१

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( १११ ) इनसे संबध करण अपादान इससे । संबंध इसका-के-की इनका-केकी अधिकरण इसमें, इसपर इनमें, इनपर दूरवर्ती बह” । कच वह, उसने वे, उतने वा उन्होने कर्म-संप्रदान उसको वा उसे उनको बा उन्हे करण-अपादान उससे उनसे उसका-के-की उनका-के-की अधिकरण उसमें, उसपर उनमें, उनपर | १६२–एकवचन में यह का विकृत रूप "इस” और वह का “उस है । बहुवचन में क्रमशः इन?” और “उन आते हैं। सो’’ का विकृत रूप एकवचन में “तिस' और बहुवचन में ‘तिन होता है। इस सर्वनाम के रूपो के बदले बहुधा बहू' के रूपों का प्रचार - है; जैसे, तिसने = उसने, तिनको, तिसका=उनका। । ' संबंधवाचक-सर्वनाम जो’’ जो, जिसने जो, जिनने या जिन्होने जिसको, जिसे जिनको, जिन्हें जिसका-के-की जिनका-के-की प्रश्नवाचक सर्वनाम कौन फर्ता कौन, किसने कौन, किनने वा किन्होने कर्म-संप्रदान किसको, किसे किनको, किन्हे किसक-के-की किनका-के-की . १६३-संबंधवाचक सर्वनाम ज” और प्रश्नवाचक सर्वनाम “कौन' के रूप 'यह' के नमूने पर बनते हैं। इनके विकृत रूप एक वचन में क्रमशः जिस’’ और ‘फिस और बहुवचन में 'जिन' और

    • किन हैं।

कक्ष । कर्म संप्रदान संबंध संबंध ,