पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१२६

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पवादनाना, सदा, उमदा, जमा और जरा इन आकारांत विशेयर में कोई विकार नहीं होता; जैसे, नाना प्रकार के, सवा सेर, सुवा रत्ती में उमदा कपड़ा, टोपियाँ । आकार त बिशेषण में विकार होने के नियम , छोटे लड़के गए । । तुम कौन से घर में रहते हो ? वह ऊँचे पेड़ पर चढ़ः । सिपाही वड़े फाटक तक आया । ( १ ) पुल्लिग विशेष्य बहुवचन में हो अथवा उसके पश्चातू विभक्ति वा संबंध-सूचक आवे तो विशद के अंत्य ‘अ’ के बदले ‘ए’ होता है । छोटी लड़की आई । । आज पाँचवीं तारीख है । वह ऊँची डाल पर चढ़ा । । । तुम कौन सी कक्षा में हो ? सूखी पत्तियाँ शिर गई। लताएँ हरी हैं। ( २ ) स्त्रीलिंग विशेश्य के साथ विशेषण के अंत्य आ के बदले siई'आती है। ( ३ ) यदि विशेप्थ कर्म-क्षारक में विभक्ति-सहित होता तो उसका विधेय-विशेषण बहुधा अधिकृत रहता है; जैसे गाड़ी को खड़ा करो । मैंने लड़की को सच्चा पाया । , -२००---ाकारांत संबंध-सूचक ( जो अर्थ में विशेषण के समान होते हैं ) अकारांत विशेषण के समान, विशेष के अनुसार बदलते हैं। जैसे, प्रताप सरीखे बीर, दुर्गावती जैसी रानी, हाथी का सा बल । मुझ दीन को किसी देश का तुम मुख से जिन गॉवों से उसे बर में | जिन लोगों से २०१ --- अफारात छोड़ शेष सर्वनामिक विशेषण विभक्त्यंत र Hध-कात विशेष्य के साथ अपने विकृत-रूप में आते हैं ।