पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१३१

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( १२१ ) जैसे, आज हुक्म सुनाया जायेगा । तुमको इत्तिला दी जाती जी है, - इस मामले की जॉच की जावे । (ग) शक्तता वा अशक्तता के अर्थ में, जैसे, रोगीसे अन्न खाया जाता है । हमसे तुम्हारी बात न सही जायगी ।। । २०८-द्विकर्मक क्रियाओं के कर्मवाच्य में मुख्य कर्म उद्देश्य होता | है और गौण कर्म जैसा का तैसा रहता है; जैसे, कतृवाच्य कर्मवाच्य राजा ब्राह्मण को दान देता है। ब्राह्मण को दान दिया जाता है। गुरु शिष्य को गणित सिखाता था । शिष्यको गणित सिखाया जाता था । | राम श्याम को चिट्ठी भेजेगा । श्याम को चिट्ठी भेजी जायगी । | लड़का दौड़ता है। लड़के से दौड़ा जाता है। रोगी बैठता है ।। रोगी से बैठा जाता है । लड़की अब चलेगी । लड़की से अब चला जायगा । _ बूढी उठ नही सकता था । बूढ़े से उठा नहीं जाता था । २०१----इन उदाहरणों में बाई ओर की अकर्मक क्रियाएँ - कतृवाच्य में है; क्योकि वे अपने कर्त्ताओं के विषय में विधान या कथन करती हैं; पर दाहिनी ओरक क्रियाओके विषय में कुछ नहीं कहतीं । इनसे केवल क्रिया के भाव का बोध होता है, इसलिये इन्हें भाववाच्य कहते हैं । भाववाच्य किया बहुधा शक्तता अथवा अनशक्तता के अर्थ में आती है। |: २१०–कतृवाच्य अकर्मक और सकर्मक दोनों प्रकार की क्रियाओं में होता है, कर्मवाच्य केवल सकर्मक क्रियाओं में और भाव वाच्य केवल अकर्मक क्रिया में होता है; जैसे- कत्तृवाच , कर्मवाच्य भाववाच्य लड़की पुस्तक पढ़ती है। पुस्तक पढ़ी जाती है । नोकर चलता था। • नौकर से चला जाता था |