पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१३३

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( १२३ ) ।। ३-नीचे लिखी सकर्मक क्रियाओं को कर्मवाच्य में और अकर्मक • क्रियाओं को भाववाच्य में बदलो--

  • बढई लकड़ी चीरता है। लड़की चल नहीं सकती । रोगी कुछ नहीं

खा सकता । लड़को ने धरती खोद डाली । क्या कोई ककड़ों में लेट सकता है ? वह पुस्तक पढ़ता है। धोबी कपड़े धोवेगा । राजा युद्ध करता होगा। माली पेड़ोको पानी देता तो मालिक उसे नौकरी से न निकालता । = = नवाँ पाठ क्रिया का अर्थ १-लड़का पुस्तक पढ़ता है । ४-लड़का पुस्तक पढ़ता होगा । २-संभव है कि लड़का पुस्तक पढे ५=लड़का पुस्तक पढता तो ३-लड़के, पुस्तक पढ़ ।। | | अच्छा होता ! ११२----ऊपर के वाक्यों में पढ़ना क्रिया भिन्न-भिन्न रूपों में और भिन्न-भिन्न अर्थों में आई है। पहले वाक्य में पढ़ता क्रिया के द्वारा एक निश्चित विधान या कथन किया गया है। दूसरे वाक्य में पढ़े क्रिया संभावना प्रकट करती है। तीसरे वाक्य मे पढ़” क्रिया से आज्ञा ' सूचित होती है। इसी प्रकार चौथे,वाक्य मे पढ़ता होगा क्रिया से । सदेह और पाँचवे वाक्य में पढ़ता क्रिया से संकेत अर्थात् शत पाई जाती है। प्रत्येक क्रिया एक भिन्न प्रकार का विधान करती है। क्रिया के विधान करने की रीति को अर्थ कहते हैं ।। २१३-क्रिया के मुख्य अर्थ पाँच है--( १ ) निश्चयार्थ ( २ ) संभावनार्थ (३ ) आज्ञार्थ ( ४ ) संदेहार्थ ( ५ ) संकेतार्थ ।। । ( १ ) क्रिया के जिस रूप से कोई निश्चित विधान या प्रश्न किया जाता है उसे निश्चयार्थं कहते हैं; लड़का आता है। नौकर चिट्ठी नही लाया । क्या आदमी न जावेगा ?