पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१३७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
( १२७ )

( १२७ ) काल निश्चयार्थ | संभवनार्थ | आज्ञार्थं | संदेहार्थ । संकेतार्थ वर्च- (१)सामान्य वर्त-(७)संभाव्य (१०)प्रत्य-(१२) संदि- मान मान वह चलता है। वर्तमान | क्ष विधि ग्ध वर्तमान वह चलता | तू चल वह चलता (२)पूर्ण वर्तमान हो होगा वह चला है । ४ । ४ । । भूत (३)सामान्य भूत-(८) मुंभाव्य (१३) संदि- (१४) सामान्य | वह चला। भूत वह । ४ । ग्घ भूत | संकेतार्थ-वहे। | चलो हो वह चला ! चलता। होगा (१५) अपूर्ण (४) अपूर्ण भूत संकेतार्थ-वह || वह चलती था । ४ ४ । ४ । चलता होता (१६)पूर्णसंकेतार्थ (५) पूर्ण भूत वह चला होता वह चला था। भवि- (६) सामान्यभवि-(९) संभाव्य(११)परोक्ष यत् ष्यत् वह चलेगा। भविष्यत् । विधि || चह चले | तू चलना । अभ्यास १-नीचे लिखे वाक्यो में क्रियाओं के अर्थ और कला बताओ मध्यभारतके स्थानों में लुटेरे वसते थे । उसने अपने ही हाथ से सात सौ मनुष्य मार डाले थे । हम शीघ्र ही किसी न किसी द्वीप में पहुंचेगे | उस द्वीप के निवासी जंगली थे । राजा ने उसे नये-नये द्वीप खोजने के लिये भेजा। पुरी में कई मंदिर हैं। इन्होंने परिश्रम करके उच्च पद पाया है। वे लोग गधे पर बैठना बुरा नहीं समझते । राजा ने आज्ञा दी कि उस मनुष्य को भीतर बुलाओ । यदि लड़का पिता का कहना मानता तो उसकी यह दुर्दशा न होती । इस समय गाड़ी आई होगी । यदि देश में बुद्ध-धर्म का प्रचार न हुआ होता तो हिंसा की