पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१३८

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| ( १९८ ) सीमा न रहती । जब तेरा पति तुझ पर क्रोध करे तत्र तु इस औषधी को। • पी लेना । हमें लोगों को यह न चाहिए कि हम किसी की नकल करें । उहाँ Jठ क्रिया के पुश्प, लिंबई और वचन-प्रयोग पुलिंग उच। मध्यम पुरुष एकवचन बहुवचन उत्त में जाता हूँ हम जाते हैं। मध्यम तू जाता है। तुम जाते हो अन्य वइ जाता है। वे जाते हैं ! | हिंग मै जाती हूँ हम जाती हैं। तू जाती है। तुम जाती हो अन्य वह जाती है। वे जाती हैं २२९---क्रियायो के पुरुषपाचक सर्वनामों के समान तीन पुरुष ( उत्तम, मध्यन, और अन्य ) और संज्ञाओं के समान दो लिंग (पुल्लिंग और स्त्रीलिंग तथा दो वचन ( एकवचन और बहुवचन होते हैं ! अ०----संभाव्य भविष्यत् और विधि-कालो से लिग के कारण कोई विकार नहीं होता; जैसे; पु०-मै जाऊँ । । । स्त्री ०–मै जाऊँ पु०--तुम जा स्त्री०-तुम जाओ होन’ (स्थितिदर्शक) क्रिया के सामान्य वर्त्तमान काल में भी लिंग के कारण कोई हेर-फेर नहीं होता; जैसे,