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पाठ १६
राष्ट्रीय गीत
- जनगण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता।
- पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा द्रविड़ उत्कल बंगा।
- विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा-उच्छल जलधि तरंगा।
- तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे,
- गावें तव जय गाथा !
- जन गण मंगल दायक जय हे भारत भाग्य विधाता,
- जय हे ! जय हे ! जय हे ! जय जय जय जय हे !
- अहरह तव आह्वान-प्रचारित सुनि नव उदार वाणी।
- हिन्दु-बौद्ध-सिख -जैन-पारसिक-मुसलमान क्रिस्तानी ।
- पूरब-पच्छिम आसे तव सिहासन पासे,
- प्रेमहार हिय गाथा!
- जनगण ऐक्य विधायक जय हे भारत भाग्य विधाता!
- जय हे ! जय हे ! जय हे ! जय जय जय जय है ।
- पतन अभ्युदय बन्धुर पंधा युग-युग धावित यात्री,
- तुमि चिर-सारथि तव रथ चक्रे मुग्धरित पंथ दिनरात्री।
- दारुण विप्लव मांझे , तव शंख ध्वनि बाजे,
- संकट दुख, त्राता।