पृष्ठ:संगीत-परिचय भाग १.djvu/५९

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(६२ )

अन्तरा


ग म प ध
शु भ्र ज्यो —

सं — नी सं
या — म नीम्

ग म ग रे
द्रु म द ल

म — — —
नी — म् —

गं रें गं —
सु ख दा —

म ग रे म
मा त र म्


प ͢नी ध —
ति स ना —

— — — —
— — — —

ग म प म
शो — भि नी

ग म प ध
सु म धु र

सं — — —
म — — —

— — ग म
— — व न्दे


ध — — —
म — — —

सं सं ͢नी ͢नी
फु ल्ल कु स

प — — —
म — — —

प ध ͢नी —
भा — षि णी

सं रें गं —
व र दा म्


प ध नी सं
पु ल कि त

ध प — —
मि त — —

स म — —
सु हा — सि

ध — — —
म — — —

— — — —
— — — —




झण्डा गायन
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा ।
झण्डा ऊंचा रहे हमारा ।।
सदा शक्ति बरसाने वाला।
प्रेम सुधा सरसाने वाला ।।
वीरों को हर्षाने वाला।
मातृ-भूमि का तन मन सारा ।।
झण्डा ऊंचा रहे हमारा ।।