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पृष्ठ:संगीत-परिचय भाग २.djvu/४२

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( ४९ )
उण विन सब जग खारी लागत,
और वातं सब काचो ।
'मीरा' श्रीगिरधर लालसूं ,
भगति रसीली जाँची ॥३॥

राग आसावरी

(ताल कहरवा मात्रा ४)

स्थाई


x
स स
मैं तो

प — — —
रे — — —

ग॒ रे स —
घुं — घ रू

प — स स
रे — मैं तो


x
रे — म म
सां — व ले

प — प प
सा -ज सिं

रे — रे रे
लो — क ला


x
प — प सं
के — रं ग

प ध॒ प म
गा - र बां

— म प सं
— ज त जि


x
ध॒ — ध॒ —
रा — ची —

— प ध॒ प
— ध प ग

ध॒ — ध॒ —
ना — ची—


अन्तरा





रें नी॒⁠ सं —
सं ग ग ति


म म — प
ग ई — कु

ध॒ ध॒ ध॒ सं
भ ग त रु


ध॒ ध॒ ध॒ ध॒
म ति ल ई

— सं सं रें
— प भ ई


सं — सं सं
सा — धू की

सं ͢गं रें सं
सां — ची—