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- सङ्गीत विशारद *
- - रागों की इन जातियों मे राग मग्या मालुम हो जाती है । देग्गिये उपरोक्त जातियों मे किस प्रकार १० थाटों के द्वारा ४८४ राग तयार हुए । सम्पूर्ण-सम्पूर्ण- इसमे केवल १ राग ही नन मका, क्योंकि आरोह में भी ७ स्वर हैं और अबरोह मे भी ७ वर हैं। सम्पूर्ण पाडव--इस जाति के ६ राग वन मफते हैं क्योंकि आरोह तो सम्पूर्ण रयते जाइये पार अपरोह मे प्रत्येक वार १ स्वर बदल कर छोडते जाइये। सम्पूर्ण औडव--हमके पारोह में ७ स्वर रयते जाइये और अपरोह में स्वर (बाल-बदलकर ) छोडते जाइये तो इससे १५ राग ने । पाडर मम्पूर्ण--आरोह में स्वर होने के कारण, ६ वार एक-एक बदलकर छोडने से, इससे भी : राग वने। __पाडव-पाडव-इमके यारोह में ६ बार एक-एक स्वर बदलकर रया तोकडे हुए इसी प्रकार अररोह में भी एमा ही किया तो ६x६-३६ राग इम जाति से बने । पाडव-औडव-इम जाति के १० राग हो मझते हैं, क्योंकि भारोह में १ स्तर छोडने से ६ और अवरोह मे दो-दो घर छोड़ने मे १५ अर्थात १५४६ . राग वने। औडुच सम्पूर्ण-आरोह में • स्वर छोडने से १५ प्रकार वने, और अवरोह तो इमका स पूर्ण है, अत इस जाति मे १५ राग हुए। औडुव पाडर- क्योंकि इसके आरोह में प्रतिकार कोई मे स्वर छोडने पड़े तो १५ प्रकार बने ओर अपरोह मे १ खर प्रतिबार छोडना पड़ा तो ६प्रकार वने, इसलिये १५४६=१० राग इम जाति मे उत्पन्न हुए। औडुर-औडव-इम जाति के मनसे अधिक अर्थात् २०५ राग हो सकते हैं, क्योंकि आरोह में प्रतिवार घर छोडने से १५ प्रकार बने ओर अवरोह में भी ऐसे ही २ स्वर छोड़ने से १५ प्रकार बने तो १५४१५-०२५ राग तैयार हुए। इस प्रकार एक थाट की 2 जातियों से ४८४ राग बने, जो निम्नलिखित नक्शे द्वारा सष्ट किये जाते हैं - जाति श्रारोह के सर ! अगरोह के सर | राग तैयार हो 1 मफते हैं सम्पूर्ण सम्पूर्ण सम्पूर्ण-पाडव सम्पूर्ण-औडुव पाडव-सम्पूर्ण 16 k me