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चौथा अङ्क

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किस-किस तरह सतायेंगे। कहीं जेहल न भिजवादें। राजेश्वरीको वह जबरदस्ती थोड़े ही ले गये। वह तो अपने मनसे गई। मैंने चेतनदास बाबाको नाहक इस बुरे काममें मदद दी। किसी तरह सबल सिंहको बचाना चाहिये। (प्रकट) सब अल्लाहका करम है।

इन्सपेक्टर—तुम्हारे जमींदार साहब तो खूब रङ्ग लाये। कहाँ तो वह पारसाई और कहां यह हरकत।

फत्तू—हजूर हमको तो कुछ मालूम नहीं।

इन्स०—तुम्हारे बचानेसे अब वह नहीं बच सकते अब तो आगये, शेरके पंजेमें। अपना बयान दीजिये। वहाँ गाँवमें पञ्चायत किसने कायम की?

फत्तू—हजूर गांवके लोगोंने मिलकर कायम की, जिसमें छोटी २ बातोंके पीछे अदालतकी ठोकरें न खानी पड़ें।

इन्स०—सबल सिंहने यह नहीं कहा कि अदालतमें जाना गुनाह है?

फत्तू—हजूर उन्होंने ऐसी बात तो नहीं कही, हां पंचायतके फायदे बताये थे।

इन्स०—उन्होंने तुम लोगोंको बेगार बन्द करनेकी ताकीद नहीं की? सच बोलना, खुदा तुम्हारे सामने है।

फत्तू—(बगल झांकते हुए) हजूर उन्होंने यह तो नहीं कहा। हां! यह जरूर कहा कि जो चीज दो उसका मुनासिब दाम लो।