पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/१८१

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पसमुल्ला: १६९ होने का सम्भव होता है। ६ ॥ जो गुम अर्थात् दृढ़ स्तम्भों के तुल्य युद्धविधा ! स मुशिक्ति धाम rथत होने पर युद्ध करने में चतुर भयरहित और जिनके मन में 1 से कiर कf f Eर न ही उनकी चारों ओर से कं रक्ख !! ७ } जो थोड़े से पुरूपा से नेतi के साथ शु द्ध करना हो तो मिलकर लड़ाबे काम पड़े तो उन्ह। की भेंट फा दख व नगर दुर्ग वा शत्रु की सना में प्रविष्ट होकर युद्ध करना हो तब ( सूची यू ) प्रःनया ( व यूई) ज में दुधारा रबग दोनो ओर काट कर वंस युद्ध करत जनप 'र विg भी ट्ात च में आन प्रकार के व्यूह अथोत है - से न तो बनार ल थे, जज ने शत-नी { ताप ) व भुसुडी ( बन्दूक ) छट। रही हो तो ( पंयुडू ) थॉन सपे के समान स।त २ चले जाये जब तोपों के पास पहुंचे तब उनफो मार बा पकड़ तोपों का मुख शत्रु की ओोर फेर उन्हीं तोपों से या बन्दूक आदि में उन छात्रुओं को गारे अथवा वृद्ध पुरुओं को तोपों के मुख के सामने घोड़ों पर सवार करा दौड़स्बे और समा बीच में अच्छे २ सवार रहें एक बार धावा कर शत्रु की सेना को छिन्न भिन्न कर पकड लेवे अथवा भगा दें : ८ 11 जो ससमभूमि में युद्ध करना हो तो रथ घोडे और पद्धतियों से और जो समुद्र में ' युद्ध करना हो तो नौका और थोड़े जल में हाथियों पर, क्षन और झाड़ी में वाण | तथा स्थल बाद में तलवार और ढाल से युद्ध करे कगये ॥ ९ ॥ जिस समय युद्ध होता हो उस समय लडनेवालों को उत्साहित और हर्षित करें जब युद्ध बन्द हो - जय तय जिससे शौर्य और युद्ध में उस्माह हो वैसी वक्ता से सब के चित्त को खान पान अ श सहाय आर आधाद में प्रसन्न रखें व्यूह के देिना लड़ाई न करे न करकेलडती हुई अपनी सेना की चेष्टा को देखा करे कि ठीक २ लड़ती वा कपट रखती है ॥ १० 11 कि सी समय उचित समझे तो शत्रु को चारों ओोर से बेर कर रोक रक्खे और इस राज्य को पीड़ित कर शत्रु के चारा, अन्न, जल ! और इन्धन को नष्ट दूषित करदे ॥ ११ ॥ शत्रु के तलाब नगर के प्रकोट और खाई का तोड़ फोड़ दे, रात्रि में उनको ( त्रास ) भय देखे और जीतने का उपाय करे ॥ १२ ॥ जीत कर उनके साथ प्रमाण अर्थात् प्रतिज्ञादि लिखा लेवे और जो चित समय स म तो सी के वंशस्थ किसी धार्मिक पुरुष को राजा करवे औौर डससे लिखा लेखे कि तुस को हमारी आज्ञा के अनुकूल अर्थात् जैसी धर्मयुक राज- नीति है उसके अनुसार चल के न्याय से प्रज्ञा का पालन करना होगा एसे उप. टेआशा कर ऐसे पुरुष उनके पास रक्खे कि जिससे पुन उपद्रव नहो और जो हार-