पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५११

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नयदखमुकः गे ५०९ -

ि ा के लिए दिया था कि कि

३५र यअछूष में केला रह गया और यहां पौपटेल एक जन उससे स- संयुद्ध करता रहा । और जब उसने देखा कि वह उस पर प्रबल न हुआ तो उस की जांघ को भीतर से छुआ तब यअकूब के जांघ की नस उसके संग स लयुद्ध छक- रने में चढ़ गई ॥ तब वह बोला कि मुझे जाने दे क्योंकि पौ फटती है और वह बोला मैं तुझे जाने न देगा जब लों तू झं आशीष न देखे । तब उसने उसे कहां कि तेरा नाम क्या है और वइ बला कि य अकू ॥ तब उसने कहा कि तेरा नाम आगे को य अकूब न होगा परन्तु इसरायल क्योंकि तूने ईश्वर के आगे और मनुष्यों के आगे राजा की नाई मल्लयुद्ध iया और जीता ॥ तब यअब ने यह कहि के उस से पूछा कि अपना नाम बताइये और वुशू बोला कि तू मेरा नाम क्यों पूछता है। और उसने ड में वह आtaitप दिया ॥ iर यअकब ने उस स्थान का नाम फतूहल रक्षा क्योंकि मैंने ईश्वर को प्रत्यक्ष देखा और मेरा प्राण बचा है । और जब शुरू फएल से पार चला तो सूर्य की ज्योति उस पर पड़ी और वह अपनी जांघ से गडाता था ॥ ये इरायेल के वंश उस जांघ की नस को जो चढ़ गई थी । आr लें नहीं खाते बोंकि उसने यअकब के जाध की नस को चढ़ गई थी कुछ आा था ॥ तौ० उत्प ० पर्च २३1 आr ० २४ । २५ । २६ । २७ । २८ । २९ । ३० । ३१। ३२ ॥ है समीक्षक-जब ईसाइयों का ईश्वर अखाड़मल है तभी तो सरऔर राखल पर पुत्र होने की कृपा की भला यइ कभी ईश्वर हो सकता है ? और देखो 1 लता कि एक जना नाम पूछे तो दूसरा अपना नाम ही न बतलावे ? और ईश्वर ने उसकी नडी को चढाई तो दी और जीता गया परन्तु जो डाक्कर होता तो जांघ की- ना को- अच्छी भी करता और ऐसे ईश्वर की भक्ति से खा कि यअकूम लेंगड़ाता रहा तो अन्य भक्त भी लगाते होंगे जब ईश्त्रर को प्रत्यक्ष देखा और मल्लयुद्ध किया यह बात विना शरीराले के कैसे हो सकती है ? यह केवल लड़कपन की लीला हे ॥ ३५ ! ३६र यहूदाह का पलिौठा एर परमेश्वर की दृष्टि में दुष्ट था सो परमेश्वर ने डाला उसे मार ॥ त में यहद्द न ओो नान को कहा कि के अपनी भाई की पत्नी पाख जा और उसचे व्याह्य कर अपने भाई के लिये वंश चला ॥ और औोनान ने जाना कि य वंश मे में होगा और यों आ। कि ज त वx अपनी भाई की पन्न पा गया