पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/६०६

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६० 8 छयार्थप्रकाशः 11 A - -- -- - - - समीक्षक-बा क्या फिलासफी खुदा की है भेजता है वायु को वह उठाता फि रता है बलों को और खुदा उसचे मुद को जिताता फिरता है यह बात ईश्वर सब न्धी कभी नहीं हो सकती क्योंकि ईश्वर का काम निरन्तर एकसा होता रहता है। जो घर होंगे वे विना बनावट के नहीं होकते और जो बनावट का है वह सदा नहीं रह सकता जिसके शरीर में वह पाश्चम केविना दुःखी होता औौर शरीरव ला रोगी’ इए विना कभी नहीं बचता जो एक सी से समागम करता है वह विना रोग के नहीं बचता तो जो बहुत निों के विषयभोग करता है उसकी क्या की दुर्दशा होती होगी इसलिये मुसलमानों का रहना बहिश्त में भी सुखदायक सदा नहीं हो सकता ॥ १२ई ॥ १३०-तखम है कुरान दृढ़ की निश्चय तू भेजे हुआओं से है 1 उस पर मार्ग सीधे के उतारा है ग़ालिब दयावान् ने ॥ में ० ५ 1 खि० २३ 1 सू० ३६। आ० १२ ॥ समीक्षक-अब देखिये यह कुरान खुदा का बनाया होता तो वह इसकी सौगंद क्यों खाता १ यदि नवी खुदा का भेजा होता तो (लेपाल ) बेटे की स्त्री पर मोहित क्यों होता १ यह कथन मात्र है कि कुरान के माननेवाले सीधे मार्ग पर हैं क्योंकि सीधा मार्ग वही होता है जिसमें सत्य मानना, सत्य बोलना, सत्य करना, पक्षपात रहित न्याय धर्म का आचरण करना आदि हैं और इससे विपरीत का त्याग करना सो न्म कुरान में न मुसलमानों में और न इनके खुदा में ऐसा स्वभाव है यदि सब | पर प्रवल पैग़म्बर मुहम्मद साहेब होते तो सबसे अधिक विद्यावार और शुभगुणयुक क्यों न होते १ इसलिये जैसी कुंजड़ी अपने बेरों को खट्टा नहीं बतलाती वैसी य बात भी है ॥ १३० ॥ - १३१-और फ्रेंका जावेगा बीच सूर के बख नागहां व३ करों में से मालिक अपने की दौड़ेंगे ॥ और गवाही देंगे पांव उनके साथ कुछ वस्तु के कमाते थे कि वाय इसके नहीं कि आज्ञा उसकी जब चाहे उत्पन्न करना किसी वस्तु का यह कि का वास्ते उखड़े कि हो जा बल होजाता है ॥ ० ५। खि० २३ । सू० ३६ । आ० ४८ : ११ । ७ ll खमी चुक-अन निये ऊटपटांग बातें परा कभी गवाही दे खकते हैं ? खुदा के सिवाय उस समय कौन था जिसको जाझा दी १ किसने सुना १ और कौन बन गया ! यदि न थी तो यह बात झूठी और जो थी तो वह बात जो सिवाय खुद्दा ) के कुछ चीज़ नहीं थी और खुदा ने सब कुछ बना दिया व झूठी ॥ १२१ ll