पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/६१३

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६३१ से ५३ाड उड़ाये जाने कर ५ बस्ख हो जावेंगे नशे टुकड़े २ ॥ बस साहब द्वाइनी ओर वाले क्या हैं साहब द्वाइन ओर के ॥ और बाई ओरवात क्या हैं बाईं ओर के ॥ ऊपर पलंग सोने के तारों से बुने हुये हैं ॥ तकिये किये हुये हैं ऊपर उनके आमने सामने ॥ और फिरेंगे ऊपर उनके लड़के सदु रइनेवाले ॥ साथ आाबखोरों के और आफताबों के 1॥ और प्यार्मों के शराब साफ़ ये । ॥ नहीं माथा ढहाये जायेंगे उससे और न विरुद्ध बोलेंगे ॥ और मेवे उख किस्म स्र कि पलंद करें ॥ और गोश्त जान- वर पक्षियों के कुछ किस्म ये कि के पसंद करें ॥ और बाले उनके औौरते हैं अच्छी निश्चय आंखोंवाली ॥ मानिन्द मोतियों छिपाये हुओं की ॥ और बिछौने बड़े ॥ हम ने उत्पन्न किया है औरतों को एक प्रकार का उत्पन्न करना है : बख किया है हमने उनको कुमारी ॥ सुहागवालियाँ बराबर अवस्था वाति या ॥ बस भरनेवाले हों उस व पठी को ॥ बख कसम खाता हूं में साथ गिरने तारों के ॥ में ० ७ । पि० २७ । स० ५६। आ० ४ । ५ से ६ से ८ । मैं । १९ से १६ । १७ । १८। १६ । २० .१ । २२ । २३ ने २४ । ३१ । २६। ३७ । ३८ । ५४ । ७५ ॥ समीक्षक-अब देविये कुरन बनानेवाले की लीला को भला वृथिवी तो हिलती रहती है उस समय भी हिलती रहेगी इससे यह सिद्ध होता है कि कुरान बनाने वहता पृथिवी को स्थिर जानता था ! भला पहाड़ों को क्या पीवत् उड़ा देगा ? यदि उगे झोजदेंगे तो भी सूक्ष्म शरीरधारी रहेंगे तो फिर उनका दूसरा जन्म क्यों नहीं१वाजी जो खुदृा शरीरधारी न हवा तो उसके दाiन ओर और बाई ओोर कसे खड़े हो सकते १ जब व पलब्ढे खोने के तारों से चुने हुए हैं वो बहुई सुनार भी वह देखे होंगे रहते होंगे और खटमल काटने होंगे जो उनको रात्रि में सोने भी नहीं क्या वे तकिये लगाकर निकम्मे बहिस्व में बैठे ही रहते हैं ? वह कुछ काम किया करते हैं? यदि बैठे ६ी रहते हैंगे तो उनको अन्न पचर न होने से वे रोगी होकर चीन मर भी जाते होंगे 1 और जा काम किया करते होंगे तो जैसे भिहनत मजद य ा करते हैं वहां परिश्रम करके करते होंगे किर यहा से वहां वईिश्त में त्रि वैसे ही 11व(६ . शेष क्या है १ कुछ भी नहींयदि वझा तड़के खदा रहते हैं तो उनके मा वाप भी रहते होंगे सासू श्वसुर भी रहते होंगे तब तो बड़rभारी शहर बखता होगा और फिर मल मूत्रादि के बढ़ने से रोग भी बहुखे होते होंगे क्योंकि जब मेवे खायेंगे गिता में पानी पदेिंगे और प्यालों से सद्य पीतेंगे न उनका शिर दूबेगा और न