पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/६१९

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चतुर्दशवमुलाः ॥ ६ १७ इयों जन्में १ यदि जन्में तो उनको विना ईमान लाने और खुदा की भक्ति करने से बहित मुफ्त मिल गया किन्हीं विचारों को ईमान लाने और किन्हीं को बिना धर्म के सुख मिछजाय इससे दूसरा बड़ा अन्याय कौनना होगा ? ॥ १५० ॥ १५१-बदला दिये जायेंगे कर्मोनुसार ॥ और प्यारे हैं भरे हुए ॥ जिस दिन खड़े होंगे रूह और रिश्ते सफ बांधकर ॥ म० ७ । खि० ३० I सू० ७८ । अ० २६ : ३४ : ३८ । थे। - समीक्षक-यदि कमोंनुसार फल दिया जाता तो स्वदा बहिश्त में रहनेवाले हरें फ़रिश्ते और मोती के सदृश रल ट्रक को कौन कर्म के अनु मार सदा के लिये बहिश्त मिला ? जब प्याले और २ शराब पियेंगे तो मस्त होकर क्यों न लड़ेंगे ? रूइ नाम यहां एक रिश्ते का है जो सब फ़रिश्तों से बड़ा है क्या खुद रूइ तथा अन्य फरिश्तों को पंक्तिबद्ध खड़े करके पलटन बांधेगा ? क्या पलटन से सब जीवों को सज़ा दिलावेगा ? और खुदा उस समय खड़ा होगा वा बैठा है यदि कयामत तक खुदा अपनी सब पलटन एकत्र करके शैतान को पकड़ ले तो उसका राज्य निर्वीट हजाय इसका नाम खुदाई है ॥ १५१ ॥ १५२जब कि सूर्य लपेटा जावे ॥ और जब कि तारे गद होजावें ॥ मैौर जब कि पहाड चलाये जावें ॥ और जब आसमान की खाल उतारी जाये । मैं ७ 1 खि - ३० । सू० ८१ । अ० १ । २५ ३ से ११ | समीक्षक, -यह बड़ी बेप की बात है कि गोल सूर्यलोक लपेटा जावेगा ? पर तारे गदखे क्योंकर हो सकेंगे १ और पहाड़ जड़ होने से कैसे चलेंगे ? और प्रकाश को क्या पशु समझा कि उसकी खाल निकाली जावेगी ? यह बघदी ही सम और जंगलीपन की बात है : १५२ ॥ १५३--और जब की अवमान फट जावे ॥ और जब तारे झढ़ जायें ।॥ मर थ दयाँ चीरे जावें ॥ और जज य क़बरें जिला कर उठाई जाई ॥ से ० ७ । से ० से ० । • ८२ : आ० १ । २ । ३। ४ ॥ समीक्षक--बाहज कुरान के बनानेवाले फिलाखफर आकाश को क्योंकर ढ़ सकेगr ? और तारों को कैसे झड़ सकेगा १ और द कया लड़ी है जो पीर ‘इलेगा ' और कवरें क्या मुद्दे हैं जो जिला सकेगा१ ये सब बातें लड़कों के मुदृश

१५३ ।