पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/६२१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

तुर्दशख2लाख: ॥ 8 ११ देश में ऊट, ऊंटनी के सिवाय दूसरी सवारी कम होती हैं इससे सिद्ध होखा है कि 8 अरबद में कुरtन बनtथ 7 १५७ ॥ - ए १५८ -—यां जो न रुकेगा अवश्य घटंग उखक हम साथ साथ t वह मथा कि झूठा है और अपराधी इस बुलावेंगे फ़रिश्ते दोज़ख़ के को ॥ में ० ७ 1 सि० ३० । सू० ९६ । आ० १५ । १६ । १८ ॥ समीक्षक-- इच नीच चपराधियों के काम घसीटने ये भी खुदा न बचाने भेजा साथा भी कभी झूठा और अपtी हो सकता है १ सिवईय जीव के, भला यह कभी खुदा हो सकता है कि जैसे जैतखाने के दरोगा को बुलवा मेजे १ ॥ १५८ ॥ १५९-निश्चय उतर हसने कुरान को बीच रात दर के 7 क्या जाने तू क्या है रात कुर II उतरते हैं फरिश्ते आर पवित्रामा बीच उसके साथ आ । मालिक अपने के वास्ते हर काम के ॥ सं० ७ 1 छ० ३० । सू० ९७० । २ ।४॥ समीक्षक-यदि एक ही रात में कुराम उतारा तो बहू आथत अर्थात् उस समय | में उतरी और धीरे २ उतारा यह बात सत्य क्योंकर होसकेगी १ और रात्रि अंधेरी है इसमें क्या पूछना है, म लिख आाये है ऊपर नीचे कुछ भी नहीं हो सकता और यहां लिखते हैं कि फरिश्ते और पवित्रात्मा खुदा के हुक्म के धार का प्रबन्ध करने के लिये आते हैं इसचे स्पष्ट हुआ कि खुदा मनुष्यवत् एकद्देशी है। अबतक देखा था कि खुदा फरिश्ते और पैग़म्बर तीन की कथा है अब एक पवित्रात्मा चौथा निकल पड़ा ! अब न जाने यद् चौथा पवित्रात्मा क्या है ? यह तो ईाइयों के मत अर्थात् पिता पुत्र और पवित्रात्मा तीन के सईनने से चौथा भी बढ़ गया। यदि कहो कि इस इन तीनों को खुर्दा नहीं मानते, ऐसा भी हो, परन्तु जब पवित्रात्मा पृथ है तो खुद फरिश्ते और पैग़म्बर को पवित्रात्मा कहना चाहिये वा नहीं है यदि पवित्रामा है तो एक ही का नाम पवित्रारमा क् १ और थोड़े भादि जानवर रात दिन और कुरान मादि की खुदा कृख में हैकसमें खाना भले लोगों का काम खाता ई ॥ १५९ ॥ अब इस कुरान के विषय को लिख के बुद्धिमानों के सम्मुख स्थापित करता हूं कि यह पुस्तक कैसा है ? मु से पूछो तो यह किताब त ईश्वर न विद्वान् की बताई और न विद्या की हो है। यह तो बहुत थोड़ासा दोष प्रकट किया इसलिये कि योग । सकती धोखे में पड़कर अपना जन्म व्यर्थ न गमाई। जो कुछ इस्र में थोढ़ावा घरय है यह वेदादि विया पुस्तकों के से सुझो प्रा(य है वैसे अन्य भी मजहब के इठ अनुकूल होने जैसे - 5 A