पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/११

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२ ये समाजवादी सभी उत्साही और लग्न के कांग्रेसी थे और उनमें से बहुतों ने अपने राजनैतिक जीवन के प्रायः सभी वर्ष कांग्रेस के नेतृत्व में जनता की लड़ाई लड़ने में लगाये थे । अागे के पृष्ठ कांग्रेस समाजवादी पार्टी की गतिविधि पर उसके एक प्रमुख प्रवक्ता के कथनों द्वारा प्रकाश डालते हैं। कांग्रेसी समाजवादियों ने बहुधा अपनी बात के पिटते रहने पर भी, कांग्रेस के अनुशासन का पूर्णतः पालन करते हुए, राष्ट्रीय अान्दोलन के ऊपर एक शक्तिशाली सामाज्यवाद- विरोधी कार्यक्रम की छाप लगाने का प्रयास किया था । उसका सहयोग पर्यास रहा हो अथवा नहीं, कम से कम उन्होंने राष्ट्रीय एकता को बनाये रख कर कांग्रेस के आधार को विस्तृत बनाने, और उसकी शक्ति को विदेशी शासन और देशी शोपण के विरुद्ध एक ऐसे मार्ग की ओर प्रेरित करने का पूर्ण प्रयत्न किया था, जो उनकी समझ में सच्चा क्रान्तिकारी मार्ग था। इसके अतिरिक्त इतने वर्षों के कठोर थपेड़ों में, जेल और उससे भी भयंकर अन्य यातनायें सहते हुए भी, कांग्रेस के प्रति वे सदैव सच्चे रहे हैं । उनके खराब स्वास्थ्य के कारण मैने प्राचार्य जी को प्रकाशन सम्बन्धी छोटी-छोटी बातों से तङ्ग नहीं किया है। यथार्थ में, यदि उनकी इच्छा को चलने दिया जाता, तो पुस्तक कभी प्रकाश में प्रा ही न पाती। अतः इसमें प्रस्तुत सामग्री का चयन करने और उसको क्रमबद्ध करने का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व मेरा है। यदि इसमें कोई त्रुटियां रह गई हों तो वे भी मेरी ही हैं । मैं बी० एच० भुखनवाला और पिनाकिव पटेल को हार्दिक धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस पुस्तक की तैयारी और प्रकाशन में मेरी सहायता की है। १४ नवम्बर, १६४६ । यूसुफ मेहरमली।