पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/११९

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आमूल परिवर्तन करना आवश्यक है । उन्होंने सामाज्यवाद के विरुद्ध करने की अन्यन्त आवश्यकता को देखकर कांग्रेस को उसके लिए तैयार करना चाहा। इसलिए कांग्रेस को छोड़ने का हमारे सामने कोई प्रश्न नही था। हमारे अलग पार्टी बनाने की जिम्मेदारी तो शौरों पर है। यदि देश में कोई सच्ची श्रमिक-पार्टी होती यदि वह यहाँ की अवस्थाओं के अनुसार अपनी कार्य प्रणाली बनाती और उचित साधनों का उपयोग करनी यदि वह अपने को जनसमुदाय और राष्ट्रीय संघर्ष से अलग न कर लेती यदि वह देश की मिट्टी में अपनी जड़ें जमा लेनी और इस सिद्धान्त-वाक्य पर चला कि मूल सिद्धान्तों को राष्ट्रीय विभिन्नताओं के अनुसार बनाकर व्यवहार में लाना चाहिये और यदि वह बाहर की एक ऐसी संस्था की पिछलग्ग न बन जाती जो अपने ओछे हथकंडों और कठोर नियंत्रण के कारण अपनी पिछली प्रतिठा और प्रभाव को पर्याप्त मात्रा में खो चुकी है, नो एक दूसरी पृथक मस्था की कोई अावश्यकता नहीं थी। हमारी पार्टी साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष को चलाने के लिए कांग्रेस के मंच का उपयोग करती है । वह कृषको के संघ और मजदूरों की ट्रेडयूनियन वनाती है और ट्रेडयुनियन-क्षेत्र में अखिल भारतीय ट्रेडयूनियन कांग्रेस के साथ पूर्ण सहयोग से काम करती है। इस प्रकार वह जन- समुदाय के भीतर कार्य कर रही है और जैसे जैसे वह अपने को उनके अनुE५ बनाती जायगी और ठोस कार्य के द्वारा उनका विश्वास प्राप्त करती जायगी नैस तैसे उसका प्रभाव भी उनमें बढ़ना जायगा । हमारी शक्ति उत्तरोत्तर बढ़ रही है और हमारा दावा है कि थोड़े समय में ही हमने समाजवाद के अनुकूल वातावरण पैदा करने और अपने साम्राज्यवाद-विराधी कार्यक्रम के लिए पर्यास समर्थन