पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१५३

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है--कि कुछ ही मालों में श्राप दग्वगे कि जिन प्रान्तों में मुसलमानों की संख्या अधिक है, वहाँ .. मुसलमान संयुक्त निर्वाचन की मांग करेंगे और वहां के हिन्दू उसका विरोध करेंगे । श्रा में भी इस प्रकार के शुभ लक्षणों की कमी नहीं है। पञ्जाब को लीजिये-~~वहाँ का मुस्लिम प्रधानमन्त्री क्या कर रहा है ? वह मयुक्त निर्वाचन प्रणाली के अत्यधिक पक्ष में है, और उस दिशा में प्रयत्नशील है इसलिए मैं विनयपूर्वक कहता हू कि संशोधन का यह भाग मुस्लिम जन समुदाय के हित में न होकर, उच्च श्रेणी के मुसलमानों के हित में है जो आज मम्पूर्ण मुस्लिम जनता पर आधिपत्य जमाये हुए हैं। मैं सभा का और अधिक समय न लूँगा। क्योकि मुझे डर है कि मैने पहिले ही अावश्यकता से अधिन समय ले लिया है। माननीय अध्यक्ष : मैं माननीय सदस्य को याद दिलाना चाइना कि वे तीर मिनट ले चुके हैं । प्राचार्य नरेन्द्र देव : असल में विरोधी पक्ष के लोग पूर्ण म्वतन्त्रता से इनलिए डरते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि या तो राज्य का सम्पत्ति पर धाधिपत्य हो सकता है, या सम्पत्ति का गज्य पर। हम देश्य है कि इस समय सम्पत्ति राज्य के ऊपर आधिपत्य जमाय हुए । इस सम्पत्ति के अधिकार को वे पावन ममझते हैं और इसमें कोई हेर-फेर करने देना नहीं चाहते। यही कारण है कि वे भारत का ब्रिटिश साम्राज्यवाद से सम्बन्ध हर हालन में बनाये रखना चाहते है, और उसे तोड़ना नहीं चाहते। जब कि उच्च श्रेणी के मुसलमानों का यह रवय्या है, बेचारी मुस्लिम जनता कर्ज, गरीबी और अधःपतन के दलदल में फँसी हुई है, और हम उसे उस शोचनीय अवस्था में