पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१५४

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( १२७ ) से निकालना चाहते हैं । इम समस्या का यह है कि विस्तृत मसलों के लिए आजादी प्राप्त की जावे, और यह तभी सम्भव है जब राज्य जन समुदाय के हित में उत्पादन के साधनों को अपने हाथ में ले। हमारी दृष्टि में वैयक्तिक सम्पत्ति का अधिकार कोई पावन वस्तु नहीं है । यदि मुस्लिम जनता का जीवन-स्तर ठीक करना है तो वैयक्तिक सम्पत्ति की अक्षण्यता में उचित हेर-फेर करने पड़ेगे, और इस मामले में म्बुले हाथ रखने के लिये पूर्ण स्वतन्त्रता एक नितान्त आवश्यक वस्तु है । श्रीमन् , इन थोड़े शब्दों के साथ, मैं सभा की स्वीकृति के लिए इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूं।