पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१६१

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सहायता देने से साफ इकार कर देना चाहिये । ब्रिटिश गवर्नमेन्ट अपने युद्ध-उद्देश्यों में गायों को महायता देने के लिए बाध्य करेगी तब रियासती जनता को संगठित हो कर अपने अन्वबारों और अन्य प्रचार साधनों के द्वारा, और कांग्रेमियों की सहायता से स्वेच्छाचारी एकतन्त्र से लोहा लेना चाहिए। छार्टी रियासतों को ब्रिटिश प्रान्तों में मिला देने का लुधियाना प्रस्ताव बहुत महत्वपूर्ण है, और सम्पूर्ण रियासनी जनता को उसका समर्थन करना चाहिये और फैडरेशन के विरुद्ध लगाये गये मोर्चे में सम्मिलित हो जाना चाहिए । हमको जमींदारी प्रथा और राजाशाही को मिटा देने की मांग करनी चाहिए । कांग्रेस में कुछ नवीन व्यक्ति इस अाशा में भरती हुए है कि कांग्रेस समाजवाद के विरुद्ध एक मुद्दड़ दुर्ग सिद्ध होगी। कुछ म्वार्थी गुटों और निहित हितों (1ested intereasts) ने गांधीवाद का चोगा पहिन लिया है। कांग्रेस जिन जन- नवयं के अादर्श को लेकर चली है उससे उन्हें कोई मतलब नहीं । ये व्यक्ति कांग्रेस की गतिविधि को प्रतिक्रियात्मक रङ्ग देने का प्रयत्न कर रहे हैं, और यही कारण है कि कांग्रेम में हम इतन दल और ब्लॉक बननं दग्बते हैं । परन्तु इन सभी समूहों को ब्रिटिश गवर्नमेन्ट के विरुद्ध संयुक्त मोर्चा लेना नाहि जैमा जापानी अाक्रांना के विरुद्ध चीन में हो चुका । हमारा छादर्श एक ऐसे ममाज का होना चाहिये जिनमे शापण, बेकारी और भुखमरी न हो। वह समाज वर्गविहीन होगा। इस कान्फरेंस को दलितों और पीड़ितों के लिए और एक मी राज्य-व्यवस्था के अादर्श के लिए संघर्ष करना चाहिए जिसमें वर्ग-प्रभुत्व और शोपण न हो।