पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१८७

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परन्तु हमारे पास यह विश्वास करने के अनेक उनम कारण हैं कि यदि हम ठाक डङ्ग से कार्य कर रहें तो हम काग्रेस को मही मार्ग पर रस्य मकेंगे और प्रभावशाली संघर्ष के लिए उमे तैयार कर सकेंगे । साम्यवादियों ने कभी भी बाम्तव में इस बात में विश्वाम नहीं किया है। यही कारण है कि अाज ये समझोता विरोधी कान् म के प्रश्न पर तटस्थ रह मकते हैं। यह आश्रयंजनक है किम महत्वपूर्ण प्रश्न पर भी वे नटम्य हैं। उनके लिए कांग्रेस की प्रथमता और एकना इतनी नहीं है । कांग्रेस के प्रति समाजवादो दृष्टिकोण । उदाहरण के लिए हमारे बीच का भेद उस मभय बिलकुल म्पट हो जाता है जब कांग्रेस में अनशामन की समस्या उठ ग्बडी होती । कांग म ममाजवादियों ने विचार मंद्र के होने हा भी, एम अवसरों पर सदैव कांगम का माथ दिया है। कांग्रेस और संघर्ष के ग्रनि हमारे रवैये मे, ममझौता विरोधी काम और कांगम को अशक्त और विशम्बल बनाने वाली प्रत्यक अन्य वस्तु के विषय में हमारी स्थिति स्पष्ट हो जाती है। हम विश्वास करते हैं कि कांगम मम्भावनाओं का ग्व जाना है। आज काग्रेस का घर और बाहर अनुलित प्रभाव है और चाहे हम उसका अङ्गीत नीतियों और कायो में अमहमन हो, फिर भी उम छिन्न भिन्न करने की मोचना मन्वंता का पराकाष्ठा होगी। कांगेम भारतीय एकता और जनतन्त्र की प्रतीक है । क्षुब्ध वातावरण में, हमारी प्राशायां और आकांक्षानों का वही एक मात्र अवलंब है। फासिस्ट मनोवृतियों ने सिर उठाना प्रारंभ कर दिया है और राष्ट्रीय अनैक्य और विघटन के भयानक