पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/१९१

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हो सकती है। अतः बुद्धिमत्तापूर्ण नेतृत्व शत्रु से समझौते की बातचीत करते हुए भी संघर्ष की तय्यारी करेगा । इसीलिए देश को संघर्षा के लिए तैयार करना और संपूर्ण कांग्रेस को संघर्ण की ओर आगे बढ़ाना ही एकमात्र सही नीति है। इम नीति का एक अत्यावश्यक अङ्ग इसके लिए उपयुक्त वातावरण पैदा करना है। आन्तरिक झगड़े और विवाद समाप्त किये जाने चाहिये और अपनी पंक्तियों में एकता और अन् शासन पैदा करने के लिए देशव्यापी अावाज उठाई जानी चाहिये यह सफलता का मार्ग है अन्य कोई मार्ग हमारे प्राणप्रिय लक्ष्य के लिए बाधक होगा ! यदि हम उस मार्ग को नहीं अपनायेंगे तो इसका विकल्प होगा फूट नैतिक पतन और पराजय । समाजवादी सम्पूर्ण कांग्रेस को परिचालित करने के पक्ष में कम से कम कांग्रेसियों को तो अपनी पंक्तियों को दृढ़ता से मिला कर शत्रु के सम्मुख एक ऐसा ठोस व्यूह उपस्थित करना चाहिये जिससे हमारा राष्ट्र एक होकर अपने पुरुषत्व को दी गई चुनौती का प्रतिकार करने में समर्थ हो सके । दमन अपने पूरे जोर पर है । यदि हम संघर्ष प्रारम्भ नहीं करेंगे तो वह हम पर लादा जायगा। कांग्रेस- इतिहास की इस संकटपूर्ण घड़ी में मतभेदों का अवसर नहीं है। हमें एक स्वर से बोलना चाहिये और कन्वे से कन्धा भिड़ाकर लड़ने के लिए सन्नद्ध होना चाहिये। यदि हम सम्पूर्ण कांग्रेस को संघर्ष की ओर बढ़ाना चाहते हैं तो हम उसके नेताओं के विरुद्ध यह प्रचार करते नहीं रह सकते कि वे जैसे बने वैसे संघर्ष से बचना चाहते हैं