पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/२०४

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(१७७ ) मासं का उदाहरण दिया जिसने जर्मन होते हुए पास और जर्मनी के वीच दुर गुद्ध में जर्मनी का ाथ दिया था। अन्य व्यक्ति मार्म और एजिल्स के बारे में कहते हैं कि युद्धों की निन्दा करते हुए भी, वे युद्ध छिड़ो की अवस्था में, एक न एक युद्ध-रत गवर्नमेन्ट का पज्ञ मदैत्र लगे थे-जैमा सन् १८५४-१८५५, १८७०-१८७१, योर १८७६-१८७७ में हुग्रा । यह बताया जाता है कि मान ने लगातार ब्रिटिश शानक वर्ग को रूस के विरुद्ध युद्ध करने के लिए उकसाया या, क्योंकि उसका विश्वास था कि जारशाही की शनि बढ़ने से यूरोप में श्रमिक वर्ग के अान्दलनों की वृद्धि मंकट में पड जायगी। विगतकाल के दृष्टान्नों के आधार पर वर्तमान की गति विधि निश्चित क ना सकटमय। परिस्थितयों के परिवर्तन के कारण पुराने गुरु हो जाते हैं । माक्र्म के समय में धनिक नग की प्रगतिशीलता बन्द नहीं हुई था। पिछली शताब्दी में पूंजीवादी राज्य पोर निरकुश सामन्मशाही बार निरंकुश सत्तावाद को नष्ट कर के राष्ट्रवादी राज्य माटिन करने का निहानिक कार्य सम्पादित कर रहा था। इसके अतिरिक श्रमिकवर्ग तब तक सब स्थानों में एक स्वतन्त्र राजनैतिक शक्ति के रूप में उदित नहीं हुअा था, और जहां उनका अरुणोदय हो गया था, वहां वह इतना शक्ति सम्पन्न नहीं हो पाया था कि अन्य निम्नवों का नेतृत्व कर सके । ये सब हवाले सन् १९१४ में भी सामाजिक देश प्रेमी हुल्लड़- वादियों (1);aul chantinist.) ने अपनी मातृभूमि की रक्षा करने के अपने रवैये की पुष्टि में दिये थे । परन्तु जैमा लेनिन ने उस समय वताया चे मार्म और एन्जिल्ल के विचारों के विगईणीय विकृत रूप थे । लेनिन ने निम्न कार गे उन्हें उार दिया था- “सन् १८७०-७१ के युद्ध में जर्मनी का पक्ष, नेपोलियन तृतीय की पराजय नक, ऐतिहासिक च मे प्रगतिशील था क्योंकि उसने