पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/२४६

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आगे बढ़ना [५] कैबिनेट मिशन और भारत (१९४६)* श्री० एटली के वक्तव्य का भारत में स्वागत किया गया है । वह जहां तक जाता है, वहाँ तक निरपवाद हैं । परन्तु उ कि इससे ब्रिटिश योजना के दर्शन नहीं होते, अतः हम उसके पक्ष में केवल इतना ही कह सकते हैं कि वह मेल मिलाप की भावना और मुन्दर शब्द-योजना से पूर्ण है । हमारे कुछ नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे मिशन की सफलता के लिए प्राशान्वित हैं परन्तु अन्न व्यक्ति जिनकी सम्नतियों का हमे अादर करना चाहिए, ऐसे भी हैं जो निराशावादी हैं और जिन्होंने चेतावनीपूर्ण बाते कही हैं। श्राशावाद और निराशावाद कुछ तो व्यक्ति के स्वभाव पर निभर करते हैं और कुछ उसके स्थिति-ज्ञान पर। इसमें कोई सन्देह नहीं है कि ब्रिटिश सरकार अब शक्ति के बल से भारत

  • ७ अप्रैल सन् १६४६ के 'नेशनल हैरल्ड' (लखनऊ) में दिया

गया।