पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/२८७

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( २६० ) नीति में विश्वास नहीं करता था बल्कि किसी भी अन्तर्राष्ट्रीय संस्था में अपना भाग पूरा करने को उत्सुक था । निस्संदेह, यह जवाहरलाल जी का अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य है । यह तथ्य कि अाज वे एक अन्तर्राष्ट्रीय हस्ती होगये हैं, इस बात का प्रतीक है कि उन्होंने भारत के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्थान प्राप्त कर लिया है, और यह तथ्य कि वे भारतीय जनसमुदाय के उपास्य देव हैं, इस बात का द्योतक है कि कांग्रेस ने जनता का प्रेम और विश्वास प्राप्त कर लिया है । क्योंकि, हमें यह न भूलना चाहिए, कि जवाहरलालजी का जीवन और कार्य शृखला कांग्रेन के साथ बँधी हुई है और उन्होंने उसके साथ पूर्ण तादात्म्य स्थापित कर लिया है। ऐसे अनेक अवमर हैं जब कांग्रेस की कुछेक नीतियों और निर्णयों से उनका भारी मतभेद था, परन्तु किसी निर्णय के हो चुकने पर, उन्होंने पूरे मन से उसका साथ दिया है । जब सन् १६३७ में, उनके विरोध के होते हुए भी काग्रेस ने पद-ग्रहण के पक्ष में निर्णय किया, तब उनका यह कथन कि 'कांग्रेस गलती नहीं कर सकती' उनके रुख के अनुरूप ही था। इस तादात्म्य के कारण उन्होंने कांग्रेस पर भारी प्रभाव डाला है और उस पर अपनी अमिट छाप लगादी है । किसी भी समाजवादी दल में सम्मिलित हुए बिना वे सहज ही देश की विस्तृत क्रान्तिकारी और समाजवादी शक्तियों के अगुया बग गए हैं। यही कारण है कि वे भारतीय युवकों के हृदय-समाट हैं । उनका सशक्त और मोहक व्यक्तित्व सब जगह युवकों को आकर्पित करता है | पंजाबी जनता में उनकी भारतीय लोकप्रियता का भी यही रहस्य है । पंजाब राजनैतिक दृष्टि से पिछड़ा हुआ है परन्तु फिर भी पंजाब के लोग उनके पीछे पागल हैं। मैं इस बात का इसके