पृष्ठ:समाजवाद और राष्ट्रीय क्रान्ति.pdf/९०

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(c) operative Societ ias) के द्वारा समाजवादी निर्माण कार्य की ओर ले जाने का होगा। एक कृषक सम्बन्धी कार्यक्रम । जैमा पहिले बनाया जा चुका है ममारा लक्ष्य कृपक वर्ग के प्रमुग्य समूह को समाजवाद की भावना मे पुनर्दीक्षित कग्न और शनैः शनः कृषक समुदाय को सहकारी समिनियों के द्वारा ममाजवादी निर्माण कार्य की ओर ले ग्राने का होगा | इस लक्ष्य के अनुसार हमको एक व्यौरेवार कार्यक्रम बनाना चाहिए। यदि हम कृपक समुदाय को टीक प्रकार समझाये तो कृपकों को उस कार्यक्रम के अनुसार चलाना भी सम्भव है। स्पतः उनकी समस्या का सही और व्यवहारिक हल स्वतंत्र कृपक वर्ग पर अाधारिन महकार्ग उपज, सहकारी विनिमय और सहकारी उपभोग में है। मब गम्भीर वैज्ञानिक विचारक अाज इस बात पर एकमत है कि प्रामा और कृपका की एकमात्र अाशा महकारिता में है । ग्राम को महकारी समुदाय के रूप में ही अपने पैरों पर खड़ा किया जा सकता है। और इस सहकारी समुदाय का स्वतंत्र कृषकों के रूप मे प्रजातन्त्रीय अाधार होना चाहिये। केवल इसी प्रकार कृषक शक्तियाँ सदियों की दासता से मुक्त हो सकेगी, कृषि उत्पादन के पुनर्गठन को बल मिल सकेगा और अच्छे. वैज्ञानिक और सहकारी उपज विनिमय और उपभाग के ढगों के द्वारा ग्रामों में अधिकाधिक उत्पादन को सहायता मिल सकेगी। कृषकों को जब तक यह विश्वास है कि उनकी मेहनत के फलों को अन्त में जमीदार महाजन और अन्य शोषक लोग खा जावेंगे तब तक वे कभी भी अपने खेती करने के दंगों में सुधार और उत्पादन में वृद्धि नहीं करेगे । यदि हम ग्रामों में जीवन डालना चाहते हैं तो हमें उन्हे प्रजातन्त्रीय बनाना होगा और