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पृष्ठ:समाजवाद पूंजीवाद.djvu/१७७

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समाजवाद : पूंजीवाद


है। इंग्लैण्ड की सरकार ने कुछ वर्षों पहले कोयले की खानों के मालिकों को एक करोड पौराड की सहायता दी थी। जव निजी उद्योगों में काफी मुनाफ़ा नहीं होता, तब उन्हें आर्थिक सहायता देने की समाजवादी पद्धति खुद पूंजीपतियों ने ही स्थापित की है। पूंजीपति अब निजी उद्योग जारी करने के लिए खुले तौर पर सरकार से आर्थिक सहायता की मांग करने लगे हैं जैसा कि वायुयान कम्पनियों के उदाहरण से स्पष्ट है । किन्तु पंजीवाद के अधीन इसका यह परिणाम हो रहा है कि नये उद्योग जारी करने की सारी जोखिम राष्ट्र के सिर पर थोप दी जाती है; पूंजीपति सारा मुनाफ़ा स्वयं हड़प कर जाते हैं और कीमतें यथासाध्य ऊंची-से-ऊंची रखते हैं। इसके विपरीत होना यह चाहिए कि जब निजी उद्योगों को सहायता दी जाय, तो उनमें कर-दाताओं अर्थात् राष्ट्र का हित भी स्थापित किया जाय । विना किसी शर्त के निजी व्यवसायियों को आर्थिक सहायता देना राज्यकोप की लूट और करदाताओं की वर्वादी के अलावा कुछ नहीं है।

कुछ समाजवादियों को इस बात पर आश्चर्य हो सकता है कि समानवादी सरकार निजी उद्योगों को न केवल रहने ही देगी, बल्कि सहायता भी देगी। किन्तु समाजवादी सरकार का काम निजी उद्योग-मात्र को दवाना नहीं है, बल्कि आय की समानता लाना और उसको कायम रखना है। निजी उद्योगों के बजाय सार्वजनिक उद्योगों की स्थापना उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए कई साधनों में से केवल एक साधन है। अतः किसी विशेष उदाहरण में यदि निजी उद्योग द्वारा वह उद्देश्य अधिक पूरा किया जा सके तो समाजवादी सरकार निजी उद्योग को कायम रहने देगी और आर्थिक सहायता भी दे सकती है। किन्तु जब कोई निजी व्यावसायिक प्रयोग, जिसको सरकार ने आर्थिक सहायता दी हो, किसी नये उद्योग या आविष्कार को स्थापित करने में सफल हो जायगा, तो वह राष्ट्र के अधिकार में ले लिया जायगा और निजी व्यक्तियों को आज की तरह उन उद्योगों में, जो प्रयोगावस्था से आगे निकल चुके होते हैं, मुनाफा कमाने देने के बजाय नये प्रयोगों में अपना कौशल आजमाने के लिए खुला छोड़ दिया जायगा । उदाहरण के लिए रेलों के