पृष्ठ:समाजवाद पूंजीवाद.djvu/१९०

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रूसी साम्यवाद रूस दुनिया का मयसे यदा राष्ट्र है। यह दुनिया के एक-छठे हिस्से में फैला हुआ है। उसकी पायादी १७ करोद ५० लास है और यरायर यह रही है। इस देश ने पूंजीवाद को उसाद फेंका है और उसके स्थान पर साम्यवाद को अपनी नीति और सिद्धान्त पनाया है। वह मार्स को अपना देवता मानता है। ____ रूस में सन् १९१७ में फ्रान्ति हुई । उसके याद शुरू के कुछ वर्षों में वहीं ऐसी खराय हालत रही कि लोग साम्यवाद को एक असम्भव वस्तु सममाने लगे। फिन्नु घाज यीस वर्ष बाद रूस दुनिया के सामने यह उदाहरण पेश कर रहा है कि आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक सभी रष्टियों से पूंजीयाद की अपेश समाजवाद सैकड़ों गुना श्रेष्ठ है। क्रान्ति के याद रूस की यागदोर जिन लोगों के हाथ में पाई, उन्हें शासन का कोई पास अनुभव न था और इसलिए उनके हाथों बहुत- मी ग़लतियों भी हुई। किन्तु उन्होंने अपनी ग़लतियों को छिपाया नहीं और पूंजीपतियों की तरह लोगों को धोखे में नहीं रस्सा । ज्योंही उन्हें अपनी भूल महसूस हुई कि उन्होंने खुले दिल से दुनिया पर उसे प्रकट किया और तेजी के साथ अपना रास्ता यदल दिया। उन्होंने कार्ल मार्क्स की पूजा की । इसमें कोई शक नहीं कि मार्क्स महापुरुष हुआ है, किन्तु महापुरुष किसी व्यवसाय को कुशलतापूर्वक चलाना नहीं जानते । फेदिक एन्जील्स कार्लमार्स का बड़ा पका दोस्त था। इन दोनों ने मिलकर यह प्रसिद्ध सान्ययादी घोपणा-पत्र लिखा जो आधुनिक ग्रन्थों में अपना अन्यनम स्थान रखता है। उन्होंने साम्यवाद को वैज्ञानिक जामा पहनाने की कोशिश की है। किन्तु विचार और व्यवहार दो अलग-अलग चीजें हुआ करती हैं। जैसाकि पहले