पृष्ठ:सम्पत्ति-शास्त्र.pdf/३६

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सम्पति का स्वरूप।

दूसरी चीज़ से करना। परन्तु सम्पतितशास्त्र में व्यापार-विषयक विनिमय के मुगग मुण्य गरको ही पर पिमार किया जाता है सब पर नहीं ।

यहाँ तक जो कुछ लिया गया उससे गह मालय गुमर कि यिनिरगसाध्य सामग्री-समूह का माम सम्पतित है । रुपया-पैसा सम्पतित नहीं । पर सम्पतित का सिर्फ पगिता मूल्य बताना है और मनतिमा विनिमय का लाखक मात्रा है । जिस शस्त्र में विनिमय - साग्य पस्नुओ (D) समतिपदा किन माद होगी ! की पकिसाषण (२) दाग सति उस्म करने पर मिय सबनी। तामिम मनोमा किमनी पार शिर माया पार पाकामी मिन्ट मनीरान किसी को पत्र को निगाट भी सदरी माफिम मारका विमागीमा । किनकित गोम, किन भिम नियअनुग्मार, 'उपका घिमाग हाता: (a)मिनमानि त होगी या देश का भी जा सकती दि जातो. सिपनाह! उसके नियम (0) प्राममनति का भाग गया फिर मरस होगा। असरबहाने मार करने नियम या! पही पानं दगा में कही जावै मोरम गर कर मEि महिमा () मर्मास की पति (४) मधिका-पिवरपर (20 मालिका गाँव (५) मम्मति उपभोग (१) सम्पतिविनिमय आदि का पिमार किया जाना।