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लन्दन-दैनन्दिनी

वह एक घंटा ही वहाँ रुकने वाला था, मगर इतना समय उस बन्दरगाह को देखने के लिए बिलकुल काफी था। वहाँ ब्रिटिश सिक्कों का प्रचलन था। भारतीय सिक्के बिलकुल बेकार हो गये। नावका भाड़ा ६ पेंस फी-सवारी था। एक पेंस एक आने के बराबर होता है। पोर्ट सईद की इमारतों की रचना फ्रांसीसी है। वहाँ फ्रांसीसी जीवन की झलक मिल जाती है। हमने कुछ काफी-घर देखे। एकको देखकर पहले-पहल तो मैंने सोचा कि कोई नाटक-घर है, मगर वह तो काफी-घर निकला। उसमें एक ओर काफी,सोडा, चाय या अन्य पेय-पदार्थ मिलते हैं, दूसरी ओर गाना-बजाना होता है। कुछ स्त्रियाँ चिकारोंका वृन्द-वादनकर रही थीं। बम्बईमें लेमनेडकी जो बोतल एक आने से भी कममें मिलती है उसकी कीमत इन काफी-घरोंमें --जिन्हें 'काफे' कहा जाता है--१२ पेंस होती है। कहा जाता है कि ग्राहकों को गाना-बजाना मुफ्तमें सुनने को मिलता है। मगर सचमुच बात यह नहीं है। जैसे ही गाना-बजाना खत्म हुआ कि एक स्त्री रूमालसे ढकी हुई एक तश्तरी लेकर हरएक ग्राहक के पास जाती है। मतलब यह होता है कि उसे कुछ दिया जाये और हम कुछ देनेके लिए बाध्य हो जाते हैं। हम 'काफे' में गये और उस स्त्रीको हमने ६ पेंस दिये। पोर्ट सईद विलास के केन्द्र के अलावा कुछ नहीं है। वहाँके स्त्री और पुरुष बड़े चालाक है। दुभाषिये आपको रास्ता दिखानेके लिए पीछे लग जायेंगे। मगर आप उनसे साफ-साफ कह दें कि हमें आपकी जरूरत नहीं है। पोर्ट सईद मुश्किल से राजकोट के 'परा' के बराबर होगा। हम सात बजे शाम को पोर्ट सईद से रवाना हुए।

हमारे सहयात्रियों में से एक श्री जेफरीज़ मुझ पर बड़े मेहरबान थे। वे हमेशा मुझसे मेजपर जाकर खाने को कहा करते थे। मगर मैं नहीं जाता था। उन्होंने कहा था कि ब्रिडिसी पहुँचने के बाद तुम्हें ठंड मालूम पड़ेगी। परन्तु ऐसा हुआ नहीं। तीन दिन बाद हम रात को ब्रिडिसी पहुँचे । ब्रिडिसी का बन्दरगाह बड़ा सुन्दर है। जहाज किनारे तक गया और हम लोग एक सीढ़ी से जो इसीलिए लगा दी गई थी.किनारे पर उतर गये। [अँधेरा] होने के कारण मैं ब्रिडिसी में ज्यादा कुछ नहीं देख सका। वहाँ सब लोग इतालवी भाषा बोलते है। सड़कें पत्थरोंसे पटी हुई हैं। गलियाँ उतार-चढ़ाव-वाली हैं। और उनपर भी पत्थरों की फर्शी है। दीपकों के लिए गैस का उपयोग किया जाता है। हमने ब्रिडिसी का स्टेशन देखा। वह उतना सुन्दर नहीं था, जितने सुन्दर बम्बई-बड़ौदा और सेंट्रल इंडिया रेलवेके स्टेशन हैं। परन्तु रेलके डिब्बे हमारे डिब्बों-से बहुत बड़े थे। यातायात वहाँ अच्छा है। अगर आप काले आदमी है तो जैसे ही ब्रिडिसी में उतरेंगे, कोई आदमी आपके पास आयेगा और कहेगा:साहब, आइए। एक बड़ी खूबसूरत लड़की है, साहब,--१४ बरसकी। मैं आपको उसके पास ले चलूंगा। भाव बहुत महँगा नहीं है, साहब!" आप एकदम चकरा जायेंगे। लेकिन शान्ति से काम लीजिए और दृढ़ता के साथ उसको जवाब दे दीजिए कि हमें उस लड़की की जरूरत नहीं है। और उस आदमी से चले जाने को कह दीजिए, आप सकुशल रहेंगे। अगर वह व्यक्ति आपको किसी तरह परेशान करे तो फौरन पासमें पुलिस का जो

१. फिडल्स ।

२. गुजराती में, उपनगर ।