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जोहानिसबर्गकी चिट्ठी
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उपेक्षा की गई और उनकी शिकायतकी तबतक हँसी ही उड़ाई गई, जबतक यह न मालूम हो गया कि उन्हें बहुत तेज बुखार है । मेरे संघको यह बात फिर कहनी पड़ेगी कि डीपक्लूफके सत्याग्रही रिहा होनेवाले कैदियोंके जरिये यही शिकायत भेजते रहते हैं कि उन्हें काफी खुराक नहीं दी जाती है; और उनको लगता है कि घी न देकर उनको एक प्रकारसे अतिरिक्त दण्ड दिया जा रहा है । मेरे संघको यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आपके विभागने श्री जोजेफ रायप्पन और उनके साथी कैदियोंको नंगे सिर और नंगे पैर चलाने और बिना नाश्तेके भेजनेके बारेमें अपनी गलती मान ली है । अन्तमें मुझे भरोसा है कि घी देनेकी व्यवस्था, सफाईके काम और सत्याग्रहियोंको मुलाकात तथा पत्र-व्यवहारकी सुविधाएँ देनेके शेष प्रश्नोंकी ओर भी अब उचित ध्यान दिया जायेगा। {{left[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २६-३-१९१०}}

१२५. जोहानिसबर्गकी चिट्ठी

बुधवार [ मार्च २३, १९१० ]

कूगर्सडॉर्प बस्तीका संकट

कूगर्सडॉर्प बस्ती (लोकेशन) की समितिकी आखिरी बैठक हो चुकी है। इस समितिके सामने खदानोंके भूतपूर्व कमिश्नर श्री [जे० एस० ] बर्गरने गवाही दी थी । यह गवाही बहुत तिरस्कार और अशिष्टतापूर्ण थी। उन्होंने गवाही देते हुए कहा कि भारतीयोंको निकाल बाहर करनेका निर्णय लड़ाईसे पहले ही किया जा चुका था और यदि लड़ाई न होती तो वे निकाल दिये गये होते । भारतीयोंके सम्बन्धमें बोलते हुए उन्होंने बहुत ही बेहूदे ढंगसे 'कुली' शब्दका प्रयोग किया। इन सज्जनने कहा कि भारतीयोंको यह बस्ती ब्रिटिश सरकारके बीचमें पड़नेसे दी गई थी। भूतपूर्व सरकार लन्दन-समझौते (कन्वेन्शन) के कारण इससे आगे नहीं बढ़ सकती थी। यदि वह आगे बढ़ती तो ब्रिटिश एजेंट रुकावट डालता । श्री बर्गरने कहा कि अब ये दोनों बाधाएँ नहीं रही हैं। इसलिए 'कुलियों' को तुरन्त निकाल बाहर करना चाहिए। मेरी समझमें नहीं आता कि उनको निकालनेके सम्बन्धमें ऐसी जाँच क्यों की जा रही है। उन्होंने मस्जिदके सम्बन्धमें भी अशिष्टतासे बात की और कहा कि मस्जिदकी जमीन देते वक्त उन्होंने क्या वचन दिया था, यह याद नहीं है। वे कुलियोंके सम्बन्धमें कही गई बात याद रखनेकी परवाह नहीं करते। उन्होंने श्री सीहॉफके प्रश्न करनेपर कहा कि यदि उन्होंने बस्तीके हटानेके सम्बन्धमें कोई वचन दिया होता तो वह लिखित होता । यह सारी गवाही पढ़ने लायक है। लेकिन उसका मुख्य भाव वही है जो मैंने यहाँ दिया है। बस्तीपर हमला तो पूरा किया गया Gandhi Heritage Heritage Portal